चुनावी हलचलब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: किसके सिर होगा सीएम का ताज? क्या देवेंद्र फिर रचेंगे इतिहास या शिवसेना के युवराज के हाथों होगी कमान…! 22nd September 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this (फाइल फोटो) मुंबई, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य में २१ अक्टूबर को वोटिंग होगी और २४ अक्टूबर को नतीजों का ऐलान हो जायेगा। इसके साथ ही राज्य में चुनाव आचार सहिंता लागू हो गई है।देश के सबसे प्रगतिशील राज्य महाराष्ट्र में इस बार का चुनाव बहुत ही दिलचस्प होगा। यहां धारा ३७० की समाप्ति की लहर पर सवार भाजपा-शिवसेना गठबंधन का मुकाबला लस्त-पस्त कांग्रेस-एनसीपी से होने जा रहा है।बाबासाहेब के उत्तराधिकारी प्रकाश अम्बेडकर की वंचित बहुजन आघाडी का शक्ति परिक्षण भी इस चुनाव में हो जायेगा।पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस एनसीपी अलग-अलग चुनाव लडें थे। भाजपा ने २८ प्रतिशत वोटों के साथ १२२ सीटें तथा शिवसेना ने १९ प्रतिशत वोटों के साथ ६३ सीटें जीती थी। कांग्रेस को ४२ तथा शरद पवार की पार्टी एनसीपी को ४१ सीटें मिली थी। उस चुनाव में २५ साल के दौरान भाजपा-शिवसेना ने पहली बार अलग-अलग चुनाव लड़ा था। जिसमें किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और मजबूरन मिलकर सरकार बनानी पड़ी।हालिया लोकसभा चुनाव में भी भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को करारी शिकस्त दी थी। लोकसभा चुनाव में प्रकाश अम्बेडकर की वंचित बहुजन आघाडी ने भी प्रभावी उपस्थिति दर्ज की थी।कश्मीर से धारा ३७० हटने के बाद पूरे देश की तरह महाराष्ट्र के लोग भी राष्ट्रवाद की भावना से सराबोर है और भाजपा-शिवसेना गठबंधन इसी राष्ट्रवाद की लहर पर सवार है। यह लहर इतनी ताकतवर है कि उसे भाँपकर ही कांग्रेस-एनसीपी में भगदड़ मच गई और इन दलों के अनेक दिग्गज नेताओं ने अपने ठिकाने बना लिए। ऐसी स्थिति में यहां चुनावी संघर्ष बहुत ही दिलचस्प होता जा रहा है।महाराष्ट्र में नेहरू, गाँधी के विचारों को मानने वाले लोगों की भी कमी नहीं है इसीलिए कांग्रेस के नेता अभी भी चुनाव में पूरी ताकत झोंकर अपनी खोयी हुई जमींन फिर से हासिल करने कोशिश कर रहे हैं। पार्टी ने अपने सभी दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने का मन बना लिया है। चर्चा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को उनकी पत्नी की जगह भोकर सीट से,पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण को करॉड दक्षिण से तथा प्रदेशाध्यक्ष बालासाहेब थोरात को संगमनेर सीट से इस रणक्षेत्र में उतारा जा रहा है। वहीँ पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के दो बेटे लातूर में विरोधियों को टक्कर देते नज़र आएंगे।उधर अपने जीवन की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे मराठा क्षत्रप शरद पवार किसी भी कीमत पर अपनी बादशाहत खोना नहीं चाहते हैं। अनेक नेताओं के पार्टी छोड़ने के बावजूद पवार पूरे जोश में हैं और अपनी उम्र के प्रभाव को नज़रंदाज़ कर वह पूरे महाराष्ट्र के चप्पे-चप्पे को नापने निकल पड़े हैं। उनका इरादा नेताओं को नई फसल खड़ी करने का है। इस बीच खबर है कि भारी ना-नुकुर के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी सौ सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। इवीएम के विरोध में यह पार्टी चुनाव का बहिष्कार करने वाली थी लेकिन पार्टी में बगावत के भय से मनसे मुखिया राज ठाकरे ने १०० सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है।उधर एमआईएम से गठबंधन टूटने के बाद प्रकाश अम्बेडकर की वंचित बहुजन आघाडी की ताकत घटने का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है लेकिन कांटे की लड़ाई में यह आघाडी राज्य में एक नया कोण बना सकती है इसमें कोई संदेह नहीं है! Post Views: 208