ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य महाराष्ट्र सरकार का फैसला- 24 साल पुराने माइकल जैक्सन के कंसर्ट मामले में राज ठाकरे को टैक्स में छूट! 6th January 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे को 24 साल पुराने मामले में राज्य सरकार ने छूट देने का फैसला किया है।बता दें कि 24 साल पहले राज ठाकरे ने मुंबई में दिवंगत माइकल जैक्सन का एक कंसर्ट करवाया था। जिसका टैक्स भरने का मामला बीते 24 सालों से लंबित था। साल 1996 में तत्कालीन शिवसेना सरकार ने इस म्यूजिकल कंसर्ट मामले में टैक्स छूट का प्रावधान किया था।इस कार्यक्रम का आयोजन तब शिव उद्योग सेना के मुखिया और मौजूदा एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने किया था। हालांकि उस समय बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस सरकारी फैसले को पर रोक लगा दी थी। सरकार ने दिया वेवरअब जब शिवसेना एक बार फिर से सत्ता पर काबिज है तब राज्य सरकार ने यह तय किया है कि इस छूट को दिया जाए। सूत्रों के अनुसार बुधवार की कैबिनेट मीटिंग में इस विषय पर फैसला हो सकता है। एक बार कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर कंसर्ट को करवाने वाले आयोजक विजक्राफ्ट इंटरनेशनल तीन करोड़ 36 लाख रुपये की राशि को वापस ले सकते हैं। जिसे उन्होंने कोर्ट के आदेश के बाद अदालत के खजाने में जमा करवाया था। राज ठाकरे के लिए था सबसे बड़ा इवेंटइतने बड़े म्यूजिक स्टार के साथ उस समय यह राज ठाकरे के लिए भी पहला और सबसे बड़ा इवेंट था। जब यह आयोजन किया गया था तब इसका नाम क्लासिकल शो (Musical Concert) रखा गया था। तत्कालीन शिवसेना संचालित सरकार ने इस प्रोग्राम के लिए रेड कारपेट बिछाया था और टैक्स में छूट देने की बात कही थी। शिवसेना ने तब कहा था कि इस कार्यक्रम से जो भी पैसा इकट्ठा होगा उसे शिव उद्योग सेना की तरफ से चैरिटी में इस्तेमाल किया जाएगा। विपक्ष ने लगाए थे आरोपउस समय विपक्षी दलों ने शिवसेना की जमकर खिंचाई की थी और उन्होंने कहा था कि पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा देने वाले इस प्रोग्राम से भारतीय संस्कृति का क्या लेना देना है। बाद में यह मामला अदालत की चौखट तक जा पहुंचा था। हालांकि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 13 अप्रैल 2011 अदालत ने सरकार को फटकार लगाई थी और टैक्स में छूट देने के सरकारी फैसले को रद्द कर दिया था। इस मामले को ‘मुंबई ग्राहक पंचायत’ अदालत में लेकर गयी थी। तब अदालत ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनते हुए मामला राज्य सरकार के पास वापस भेज दिया था और यह कहा था कि कानूनी रूप से सरकार तय करें कि इस मामले में विज़क्राफ्ट को छूट दी जा सकती है या नहीं। मंत्रालय की आग में जले पेपरदस्तावेजों की कमी की वजह से धीरे-धीरे यह मामला आगे बढ़ता चला गया। सरकार ने बताया कि साल 2012 के दौरान मंत्रालय में लगी आग में कई अहम दस्तावेज जल चुके हैं। इस मामले में 2018 में भी राजस्व विभाग ने सुनवाई की थी। जब शिवसेना और बीजेपी की सरकार महाराष्ट्र में थी। फिलहाल मौजूदा सरकार में राजस्व मंत्रालय कांग्रेस के पास है। कांग्रेस ने भी यह कहा है कि 1996 में शिवसेना सरकार द्वारा लिया गया फैसला कानूनी रूप से सही था। पॉप म्यूजिक को टैक्स छूट देना गलतइस मामले को अदालत तक ले जाने वाली मुंबई ग्राहक पंचायत ने कहा कि मनोरंजन कर कानून(1923) के मुताबिक पॉप म्यूजिक को टैक्स में छूट नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा तब शिव उद्योग सेना भी चैरिटी ऑर्गेनाइजेशन के रूप में चैरिटी कमिश्नर कार्यालय में पंजीकृत नहीं थी। विजक्राफ्ट के बिंदुओं को सही मानते हुए सरकार ने कहा कि यह म्यूजिक कंसर्ट छूट टैक्स में छूट देने की श्रेणी में आता है। इसीलिए सरकार ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह छूट दी थी। Post Views: 160