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महाराष्ट्र सरकार को रास नहीं आए लता व सचिन के ट्वीट, कराएगी जांच!

मुंबई: कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के मामले में लता मंगेशकर, सचिन तेंदुलकर और अक्षय कुमार जैसी हस्तियों के ट्वीट महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को रास नहीं आए हैं। राज्य सरकार का मानना है कि इन हस्तियों ने भाजपा के दबाव में ट्वीट किया था।
राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने खुफिया विभाग से इस मामले में जांच कराने की बात कही है। कृषि कानूनों के खिलाफ और आंदोलन के समर्थन में अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के जवाब में लता, सचिन और अक्षय समेत कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने ट्वीट किया था। इन सबने केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए इंडिया टुगेदर और इंडिया अगेंस्ट प्रोपेगेंडा के हैशटैग के साथ ट्वीट किया था।

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत और कुछ अन्य नेताओं ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में गृह मंत्री देशमुख से इस मामले में जांच कराने की मांग की। सावंत ने कहा, हमने हस्तियों के ट्वीट व भाजपा के बीच संबंध की जांच और इन हस्तियों की सुरक्षा की मांग की है। हमने यह पता लगाने की अपील की है कि क्या भाजपा ने इन पर दबाव डालकर ट्वीट करवाए थे? सावंत की मांग पर देशमुख ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की आपत्ति ट्वीट के समय को लेकर है। देशमुख ने यह भी कहा कि बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और अभिनेता अक्षय कुमार के ट्वीट एक जैसे थे। कांग्रेस का सवाल है कि कहीं इन हस्तियों पर एक जैसा ट्वीट करने के लिए दबाव तो नहीं डाला गया। देशमुख ने कहा, ‘आपने देखा है कि मीडिया पर किस तरह दबाव डाला जा रहा है और कैसे नेताओं को ईडी या सीबीआइ जांच का डर दिखाया जा रहा है। जहां तक इन हस्तियों के ट्वीट की बात है, हम निश्चित तौर पर जांच करेंगे।’ हाल में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से देशमुख आइसोलेशन में चल रहे हैं। इस बीच, पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि केंद्र सरकार हस्तियों पर उसी तरह दबाव डाल रही है, जैसे कभी अंडरव‌र्ल्ड वाले डालते थे।

इन लोगों की दिमागी जांच की जरूरत: देवेंद्र फड़नवीस
लता मंगेशकर और सचिन समेत विभिन्न हस्तियों के ट्वीट के मामले में जांच की महाराष्ट्र सरकार की सियासत पर भाजपा ने निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, ‘घृणित और बेहद अपमानजनक! अब हमारी मराठी अस्मिता कहां चली गई? हमारा महाराष्ट्र धर्म कहां है? हमें पूरे देश में ऐसे रत्न नहीं मिलेंगे, जो हमेशा देश के लिए एकजुट रहने वाले भारत रत्न प्राप्त हस्तियों के खिलाफ जांच कराएं। क्या महाविकास अघाड़ी सरकार की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है?’ फड़नवीस ने आगे कहा, ‘असल में समय आ गया है कि ऐसी मांग करने वाले और उस मांग पर जांच का आदेश देने वालों की दिमागी हालत की जांच की जाए।’