उत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, SC ने बयान पर की टिप्पणी

लखनऊ: आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) प्रभारी तथा 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से मुख्यमंत्री प्रत्याशी संजय सिंह की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश में विभिन्न मामलों में दर्ज केस में उनको सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट में दायर याचिका में उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर को रद करने की मांग की गई है। इनमें उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह का भी मामला है।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस देने के साथ ही संजय सिंह पर भी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह से कहा कि आप सांसद हैं। आपको इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए था। आप लिमिट क्रॉस करेंगे तो कानून के मुताबिक आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह से पूछा कि आपके खिलाफ कितनी FIR दर्ज की गई हैं।
इस पर कोर्ट को जानकारी दी गई कि 14 स्थान पर एक जैसी एफआईआर दर्ज की गई हैं। यह यह राजनीतिक है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है कि क्या सभी एफआईआर को क्लब नहीं किया जाना चाहिए। फिलहाल संजय सिंह को गिरफ्तारी से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि धर्म और जाति के बारे में बोलते समय आपको अधिक सावधान रहना चाहिए। आप कहीं समाज को जातियों और धर्म के आधार पर बांट नहीं सकते हैं।

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दो फरवरी को संजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया था। दो को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ हजरतगंज थाने में दर्ज मुकदमे में राहत देने से इनकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूॢत राकेश श्रीवास्तव की एकल सदस्यीय पीठ ने दिया था।
कोर्ट ने संजय सिंह की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत के चार्जशीट पर संज्ञान लेने में कोई भी त्रुटि नहीं की गई है। लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में संजय सिंह के खिलाफ 12 अगस्त 2020 के कुछ विवादास्पद बयानों को लेकर एफआईआर दर्ज हुई थी। बाद में पुलिस ने उनके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।