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मिंधे (शिंदे) सरकार आने के बाद लगातार हो रहा महाराष्ट्र का अपमान; राज्यपाल को हटाने पर अड़े उद्धव ठाकरे ने दिए ‘महाराष्ट्र बंद’ के संकेत

मुंबई: शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार शाम को अपनी प्रेस कांफ्रेस में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि फौरन राज्यपाल को हटाए, वरना दो-चार दिनों के भीतर महाराष्ट्र में एक बहुत बड़ा आंदोलन शुरू होने जा रहा है. वे राज्यपाल कोश्यारी द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में यह कहे जाने पर भड़के कि शिवाजी महाराज तो पुराने आदर्श हैं.
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कर्नाटक के सीएम द्वारा महाराष्ट्र के इलाकों पर दावा करने पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि यह पता लगाने की जरूरत है कि महाराष्ट्र में मिंधे (शिंदे) सरकार आने के बाद लगातार जो महाराष्ट्र का अपमान हो रहा है, उसके पीछे कौन है? आज फिर कर्नाटक के सीएम ने महाराष्ट्र का अपमान किया है. उनके शरीर में भूत उतर आया है. कोई भी आ रहा है चपत लगाकर जा रहा है, क्या चल रहा है ये सब? इतना सबकुछ होने के बाद ढीला-ढाला रेस्पॉन्स दिया जा रहा है. क्या इन सबके पीछे केंद्र का आशीर्वाद है?

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति ने कहा है कि इस देश में टीएन शेषन जैसे मुख्य चुनाव आयुक्त लाए जाने की जरूरत है, जो दबाव में ना झुके. निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शक होने की बात कही गई. इसके साथ ही हमारी एक और मांग है. अपनी मांग रखते हुए उद्धव ने कहा राज्यपाल की नियुक्ति की भी एक सुव्यवस्थित और तय प्रक्रिया होनी चाहिए. इस पद की एक गरिमा है. राज्यपाल की नियुक्ति के लिए इससे संबंधित योग्यता तय होनी चाहिए. महाराष्ट्र में ऐसे राज्यपाल को इसलिए भेजा गया क्योंकि वृद्धाश्रम में जगह नहीं बची थी?

कुछ करना पड़ेगा, अमेज़न से आया कोश्यारी नाम का पार्सल वापस भेजना पड़ेगा
आगे उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के साथ लगातार हो रहे अपमान पर अब स्टैंड लेने की जरूरत है. दो-चार दिनों में राज्यपाल का पार्सल जो अमेज़न से आए हैं, उन्हें वापस भेजना पड़ेगा. उन्होंने कहा, राज्यपाल महोदय ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर आपत्तिजनक बयान दिया है. उन्होंने शिवाजी महाराज को पुराना आदर्श बताया है. बाप, ‘बाप’ होता है, वो पुराना और नया नहीं होता है. उन्होंने सावित्रीबाई फुले पर भी आपत्तिजनक बयान दिया था. वे महाराष्ट्र की अस्मिता से खेल रहे हैं. मुंबई और ठाणे के बारे में भी उन्होंने ऐसा ही विवादास्पद बयान देकर संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के शहीदों का मजाक उड़ाया था. उन्होंने कहा था कि मुंबई से गुजरात और राजस्थान के लोग चले जाएंगे तो बचेगा क्या?

महाराष्ट्र का बार-बार अपमान नहीं स्वीकार, अगले दो दिनों का करें इंतजार
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशू त्रिवेदी ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपमानजनक बयान दिया है. छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजीराजे और उदयन राजे, शरद पवार ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, यही वो समय है कि महाराष्ट्र के सभी वर्ग और पार्टियों से मैं आह्वान करता हूं कि अगले दो दिनों में एक हों और राज्यपाल को हटाएं. आंदोलन के बिना अब काम नहीं चलेगा. ‘स्लिप ऑफ टंग’ एकाध बार हो सकता है, बार-बार नहीं.

गुजरात में वोटिंग, महाराष्ट्र में छुट्टी? कल पाकिस्तान में चुनाव हुआ तो देश में छुट्टी दी जाएगी?
हमारे यहां के मुख्यमंत्री तो ऐसे हैं कि ‘पहचान कौन’? वो हैं कि नहीं पता नहीं चल रहा है. इनकी कोई रीढ़ नहीं है. ये लाचार सीएम हैं. उनके मन में यह भावना नहीं है कि वे महाराष्ट्र के सीएम हैं. वे तो दिल्लीश्वरों के एहसान से मुख्यमंत्री बने हैं. ये महाराष्ट्र की सरकार है कि गुजरात सरकार है? ऐसे ‘मिंधे’ को सीएम पद से जल्दी हटाने की जरूरत है. ये सीएम कभी यह भी कह सकते हैं कि आज हम कर्नाटक को 40 गांव देंगे तो कल पीएम मोदी हमें पीओके के 100 गांव दिलवाएंगे. उद्धव ठाकरे ने कहा कि गुजरात में चुनाव है तो महाराष्ट्र के कुछ भागों में छुट्टी का ऐलान किया गया है. कल को पाकिस्तान में चुनाव होगा तो देश में छुट्टी घोषित की जाएगी क्या?

सभी पार्टियां एक हो, केंद्र को संदेश देने के लिए ‘महाराष्ट्र बंद’ जैसा कोई फैसला लो
उद्धव ठाकरे ने आखिर में कहा कि महाराष्ट्र प्रेमी को एक हो जाने की जरूरत है. जो इस आंदोलन में साथ नहीं देगा उसे महाराष्ट्र द्रोही माना जाएगा. हम कोई दंगा-फसाद करने की बात नहीं कर रहे, सब मिलकर यह तय करें कि शांति पूर्वक तरीके से महाराष्ट्र बंद करें या क्या करना है, यह तय करें. बीजेपी में भी महाराष्ट्र प्रेमी बहुत लोग हैं, पर उन्हें भी यह तय करना है कि बिना केंद्रीय नेतृत्व की आज्ञा लिए वे कोई स्टैंड ले सकते हैं या नहीं.