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मुंबई: कामगार सहायक उप आयुक्त और वरिष्ठ लिपिक रिश्वत लेते पकड़ाए, ये था मामला…

मुंबई: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने बुधवार को रिश्वतखोरी मामले में (class 1 officer) सहित दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा है।
एसीबी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम कामगार आयुक्त, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के कार्यालय में कोंकण क्षेत्र के कामगार और सहायक उप-आयुक्त आनंद धनजी भोसले (40), और तानाजी सालुंखे, (senior clerk) वरिष्ठ लिपिक हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता एक व्यावसायिक कलाकार है जो कामगार आयुक्त कार्यालय से ‘श्री गणेश मूर्तिकार कामगार संगठन’ नामक एक यूनियन पंजीकृत कराना चाहता था। उसी संबंध में एक आवेदन कार्यालय को प्रस्तुत किया गया था।
एक वरिष्ठ एसीबी अधिकारी ने कहा कि दोनों आरोपियों ने संगठन के पंजीकरण के लिए 25,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता, जो कि रिश्वत का भुगतान नहीं करना चाहता था, ने इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से संपर्क किया। अधिकारी ने बताया कि हमने शिकायत का सत्यापन किया और यह पता चला कि सहायक उप-आयुक्त भोसले ने अपने लिए रिश्वत राशि 15,000 रुपये कर दी थी, जबकि सालुंके ने काम पूरा करने के लिए 5,000 रुपये की मांग की।
इस संबंध में एक जाल बिछाया गया जिसमें भोसले और सालुंखे को क्रमशः15,000 और 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। दोनों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 (लोक सेवक का आभार मानते हुए) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कामगार आयुक्त कार्यालय में रिश्वतखोरी का यह खेल काफी लम्बे समय से चल रहा था। यहाँ यूनियन रजिस्ट्रेशन के ऐवज़ में 20,000 से लेकर 50,000 रुपये तक की मांग की जाती है! इतना ही नहीं पैसे देने के बाद भी लोगों को दफ्तर के चक्कर भी खूब काटने पड़ते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक भुक्तभोगी ने बताया कि यहाँ यूनियन के नाम के अनुसार भी पैसे देने पड़ते हैं। और रजिस्ट्रेशन से संबधित अधिकतर काम वरिष्ठ लिपिक सालुंखे ही देखता है। फिलहाल एसीबी मामले की जाँच कर रही है।