ब्रेकिंग न्यूज़मनोरंजनमहाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई में अश्लील वीडियो बनाने और अपलोड करने के आरोप में तीन गिरफ्तार 27th February 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this गिरफ्तार आरोपियों के नाम: १. मुकेश फुलचन्द गुप्ता (२९) ठाणे, २. प्रिंस कुमार राजू साव (२३) क़ुरार विलेज, ३. जितेन्द्र गुप्ता (२५) है. मुंबई: मुंबई पुलिस की बीकेसी साइबर क्राइम ब्रांच ने शनिवार को बताया कि कुछ लड़के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल चलाते हैं, जिसमें वे अश्लील वीडियो अपलोड करते हैं। ये कुछ लड़कियों को प्रैंक करने के लिए बुलाते हैं। मुंबई में सार्वजनिक जगहों पर 5-10 मिनट के इस वीडियो की शूटिंग की जाती है।मुंबई पुलिस इस संबंध में एक केस दर्ज किया है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, वीडियो में गलत तरीके से लड़की के प्राइवेट पार्ट को टच किया जाता है। इस मामले में तीन आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। इनके 17 यूट्यूब चैनल और कुछ फेसबुक पेज थे, जो बंद करने के लिए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने लिखा है। अनुमान है कि इन चैनल ऑपरेटर्स को इससे कम से कम दो करोड़ की आमदनी हुई है। इस बात की जानकारी शनिवार को मुंबई पुलिस ने मीडिया को एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए दी।मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम मुकेश गुप्ता, प्रिंस कुमार साव और जितेंद्र गुप्ता है। छानबीन में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने कुछ लड़कियों को जबरन वीडियों में काम करने और शारीरिक संबंध बनाने पर भी मजबूर किया है। आरोपियों के पास से 4 मोबाइल, 5 लैपटॉप और 1 कैमरा जब्त किया गया है। साइबर सेल की डीसीपी रश्मी करंदीकर ने कहा कि कई शिकायतें मिल रहीं हैं, जिनमें नाबालिग लड़के/लड़कियों से दोस्ती कर उनसे अश्लील तस्वीरें हासिल करने के बाद ब्लैकमेल किया जा रहा है। इसलिए सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती और अपनी निजी तस्वीरें या वीडियो साझा करने से बचें। अभिभावको से भी अपील की गई है कि वे बच्चों के सोशल मीडिया एकाउंट पर नज़र रखें।अब तक की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने अब तक 300 से ज्यादा ऐसे वीडियो अपलोड किए हैं और कुछ ही महीनों में इससे दो करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है। लगातार इस तरह के अपलोड हो रहे वीडियो पर राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए साइबर सेल में शिकायत की थी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ शिकंजा कसा गया। संयुक्त आयुक्त (अपराध) मिलिंद भारंबे ने बताया कि प्रैंक (शरारत) के नाम पर आरोपी वीडियो बनाते थे, जिनमें ऐसा दिखाते थे कि वे अनजान महिलाओं और लड़कियों के साथ सार्वजनिक जगहों पर बातचीत शुरू करते हैं। फिर उनके साथ अश्लील हरकतें भी करते हैं। कई वीडियो में नाबालिग बच्चों का भी इस्तेमाल किया गया है, जो महिलाओं से अश्लील बातचीत करते हैं। आरोपियों ने कई यूट्यूब चैनल बना रखे थे, जिनमें वे अश्लील हेडिंग लिखकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इन्हें देखने के लिए आकर्षित करते थे। ज्यादातर वीडियो मरीन लाइंस, बांद्रा फोर्ट, अक्सा, गोराई, जुहू बीच, कांदिवली स्थित बालाजी गार्डन जैसी जगहों पर शूट किए गए थे। गौरतलब है कि इससे पहले पोर्न वीडियो के निर्माण और वेबसाइट पर अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार की गईं अभिनेत्री गहना वशिष्ठ उर्फ वंदना तिवारी की पब्लिसिटी करने वाली फर्म फ्लिन रेमेडियोज ने दावा किया कि उन्हें फर्जी फंसाया गया है। उसने कहा है कि गहना की कंपनी ‘जीवी स्टूडियो’ द्वारा निर्देशित व प्रस्तुत वीडियो को ज्यादा से ज्यादा काम साहित्य की श्रेणी में रखा जा सकता है। अपनी स्टूडियो की बतौर प्रस्तुतकर्ता और निर्देशक उन्होंने सिर्फ वही फिल्में बनाई हैं, जिसकी कानून में अनुमति है। उन्हें निहित स्वार्थो और बदनाम करने के लिए फर्जी तौर पर फंसाया गया है। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को पांच लोगों को गिरफ्तार किया। Post Views: 196