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मुंबई में खुली शराब की दुकानें कई जगहों पर उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां!

मुंबई: पूरे देश में सोमवार को लॉकडाउन-3 लागू हो गया है। 24 मार्च से लम्बे लॉकडाउन के बाद सरकार की कुछ शर्तों के साथ रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति मिलने के करीब 40 दिन बाद खुलने वाली शराब की दुकानों पर शराब के शौक़ीन बिलकुल सुबह ही पहुँच कर लाइन लगाना शुरू कर दिए। शराब लेने को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता भी देखी गई। लोग बड़ी मात्रा में शराब की बोतलें खरीद रहे हैं, माना जा रहा है कि यह सभी लोग लॉकडाउन-4 मानकर स्टॉक करने की योजना में लगे हैं।
आपको मुंबई के माटुंगा- सायन और अन्य कई जगहों की तस्वीरें दिखा रहे हैं जहाँ दुकानेें खुलते ही सोशल व फिजिकल डिस्टेंसिंग धड़ाम हो गई। तमाम दुकानों के बाहर सफ़ेद घेरा तो बनाया गया पर दो गज की दूरी के नियम का पालन नहीं दिखाई दिया। आप इस विडिओ में देख सकते है कि किस तरह से शराब खरीदने वालों की भीड़ एक- दुसरे पर गिरती दिखाई दे रही है। यहाँ सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटन करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्क्त करनी पड़ी।
जबकि सरकारी आदेश में कहा गया है कि मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग अनिवार्य रूप से करना होगा। यही आदेश भांग की दुकानों पर भी लागू होंगे। ग्रीन जोन में सभी शराब दुकानों का संचालन हो सकेगा। ऑरेंज और रेड जोन वाले जिलों में कर्फ्यूग्रस्त और कंटेंनमेंट एरिया को छोड़कर अन्य स्थानों पर स्वीकृत दुकानों का संचालन किया जाएगा। निर्देशों के अनुसार दुकानों पर 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर रोक रहेगी। सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने पर जुर्माना लगाया जाएगा। शर्त के अनुसार ये दुकानें रहवासी इलाके से अलग होनी चाहिए और एक लेन में महज 5 दुकानें ही खुली रह सकेंगी।
बता दें कि महाराष्ट्र में हर महीने शराब की बिक्री से औसतन 1500 करोड़ का राजस्व सरकार को मिलता है। 22 मार्च से देश में लॉकडाउन लागू होने से महाराष्ट्र में शराब की बिक्री पर भी पूरी तरह से पाबंदी थी और हजारों करोड़ रुपए का राजस्व घाटा सरकार को सहना पड़ रहा था। शराब की दुकानों पर ताला जड़ा होने से सूबे की उद्धव ठाकरे सरकार को महज दो महीने मार्च और अप्रैल में 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व का नुकसान हो चुका है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने की सोच में महाराष्ट्र सरकार ने आखिरकार शराब की दुकानें खोल दी हैं। शराब की दुकानें खोलने की सबसे पहली मांग मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर की थी।