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मुंबई: लाखों के जैकपॉट के बाद भी जेबकतरों को मिली निराशा, बेस्ट के यात्रियों को बनाते थे निशाना

इमरान इमाम साहब कुरैशी और राशिद यूसुफ शेख

मुंबई: मुंबई में बेस्ट की बसों में लोगों की जेबों पर हाथ साफ करने वाले इन जेबकतरों के हाथ एक दिन विदेशी मुद्रा से भरा बैग लग गया। भारतीय बाजार में इन नोटों की कीमत लगभग 27 लाख रुपये पता चलते ही दोनों के चेहरे खुशी से खिल उठे लेकिन खुशी ज्यादा देर तक नही रह सकी और दोनों पुलिस के हत्‍थे चढ़ गये।

दरअसल ये बैग एक प्रतिष्ठित विदेशी मुद्रा कंपनी के एक कर्मचारी का था जो बेस्ट की बस से घाटकोपर से वाशी की यात्रा कर रहा था। इमरान इमाम साहब कुरैशी (32), राशिद यूसुफ शेख (42), दो जेबकतरे भी इसी मार्ग पर सक्रिय थे और इस बस में चढ़ गए। देवनार पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया, वे मौके की तलाश में थे। तभी उनकी नजर इस व्यक्ति पर पड़ी जो थोड़ा असहज था। दोनों ने इनका बैग चुराने का फैसला किया। दोनों ने बैग के अंदर रखा छोटा बैग निकाल लिया और बस से उतरकर अपने छिपने की जगह पर पहुंचे। बैग खोलकर उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या करें, क्योंकि ये बैग अमेरिकी डॉलर, यूरो और दिरहम से भरा हुआ था। विदेशी मुद्रा का पता चलते ही दोनों निराश हो गये। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि ये नोट नकली हैं या बच्चों के खेलने के लिए हैं। निराशा में दोनों ने कुछ नोटों को फाड़ दिया। तभी पॉकेटमारों में से एक कुरैशी ने किसी अन्य व्यक्ति को ये नोट दिखाने की बात कही जो इन नोटों के बारे में सही जानकारी दे सके। जब दोनों को पता चला कि ये विदेशी मुद्रा है जिसकी कीम 20 लाख रुपये से भी अधिक है तो दोनों बहुत खुश हो गये और विभिन्न तरीकों से इन नोटों का आदान – प्रदान करने का फैसला किया।
दोनों ने ऐसे दुकानदारों को खोजने का फैसला किया जो उनकी मदद कर सके। उन्होंने उमेश छेड़ा (52) और विमल जैन (58) को ज्वैलरी और मेडिकल शॉप वाले दोनों दुकानदारों को ट्रैक किया। दोनों ने इन चोरों की विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा में विनिमय करने में मदद की। लेकिन होशियारी काम न आयी और दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गये। दोनों जेबकतरों के खिलाफ देवनार पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 379 (चोरी), 411 (बेईमानी से चुराई गई संपत्ति) और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।