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राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पीएम मोदी की अपील- अगले कुछ हफ्तों तक टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेशन और क्वारंटीन पर करें फोकस

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया और कोरोना वायरस को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली।
इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि अब अगले कुछ हफ्तों तक टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेशन और क्वारंटीन पर फोकस रहना चाहिए ताकि वायरस के फैलाव को रोका जा सके। इस दौरान उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे धर्मगुरुओं से बोलें कि वे अपने-अपने समुदाय के लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में समझाएं और धार्मिक आयोजनों में भीड़ से बचें।

उद्धव ठाकरे की सुझाव पर पीएम की मुख्यमंत्रियों से अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के कार्यालय ने गुरुवार को बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम उद्धव उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को सुझाव दिया कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धार्मिक नेताओं से बातचीत करनी चाहिए। ठाकरे ने सुझाव दिया कि धार्मिक नेताओं से कहा जाना चाहिए कि वे बड़ी भीड़ इकट्ठी करने से दूरी बनाएं। इस सुझाव को प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीकार किया और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे सोशल डिस्टेंसिंग और धार्मिक आयोजनों में भीड़ न हो इसके लिए धर्मगुरुओं का सहयोग लें।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ठाकरे की उस बात का भी समर्थन किया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान नागरिकों को अच्छे मेंटल हेल्थ में रहने की जरूरत है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अलावा स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, गृहमंत्री अनिल देशमुख, पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि आने वाले दिनों में भी लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करना जरूरी है। पीएम ने कहा,15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने जा रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोग गलियों और सड़कों पर पहले की ही तरह घुमना शुरू कर दें। हमें तब भी जिम्मेदारी निभाना होगी। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना वायरस से लड़ने का उपाय हैं, जिनका पालन लॉकडाउन के बाद भी किया जाना जरूरी है।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के साथ इस मीटिंग के कुछ क्लीपिंग भी शेयर की। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए 24 घंटे अलर्ट रहना जरूरी है। मोदी ने कहा, जंग तो अभी शुरू हुई है। इसमें कोई गलती न हो। पूरा अमला 24 घंटे अलर्ट रहे। मिलकर हमें कोरोना वायरस को भगाना है। केंद्र सरकार राज्यों की हर तरह से मदद कर रही है।

सीएम गहलोत ने की राज्यों के लिए आर्थिक मदद की मांग
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए राज्यों को एक लाख करोड़ रूपए की सहायता तत्काल उपलब्ध करवाई जाए। साथ ही संकट की इस घड़ी में आवश्यक वस्तुओं, दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार इंटर स्टेट सप्लाई चेन प्रोटोकॉल शीघ्र लागू करे।
सीएम गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर पीएम मोदी के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग ले रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार द्वारा बेसहारा एवं निराश्रितों, गरीबों, निर्माण श्रमिकों सहित तमाम जरूरतमंद वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए फैसलों से अवगत कराते हुए कहा कि कोरोना जैसी आपदा का सामना करने के लिए केंद्र सरकार का पर्याप्त सहयोग राज्यों के लिए बेहद जरूरी है।
गहलोत ने कहा कि मंदी के कारण देश के अधिकतर राज्य पहले से ही विकट आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डाउन होने से प्रदेश का पूरा अर्थतंत्र प्रभावित हो रहा है। उद्योग-धंधे बंद पडे़ हैं। राजस्व अर्जन की ज्यादातर गतिविधियां बंद होने से लक्ष्य के मुकाबले काफी कम राजस्व एकत्र हो पाया है। साथ ही कोरोना संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार को जरूरतमंद वर्गों को अतिरिक्त सहायता एवं आर्थिक पैकेज उपलब्ध करवाना पड़ा है। इसके चलते प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार जल्द से जल्द राहत पैकेज उपलब्ध करवाए और प्रदेश के लिए उधार लेने की क्षमता को 2 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान करे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए फिलहाल सभी राज्य पीपीई उपकरणों एवं वेंटीलेटरों की अलग-अलग खरीद कर रहे हैं। इससे इनकी दरें ज्यादा आने के साथ ही उनमें भिन्नता भी रहती है। केंद्र सरकार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से इस खरीद व्यवस्था का समन्वय करे, ताकि सभी राज्यों को आवश्यक मेडिकल उपकरण एवं वेंटीलेटर उचित दरों पर एवं समय पर उपलब्ध हो सकें।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि गरीब तबके को संकट के इस समय में और मदद मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों को रजिस्टर्ड एवं एक्टिव मनरेगा श्रमिकों का पैसा एडवांस दे। साथ ही केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक एवं अन्य केंद्रीय संस्थाओं को राज्य द्वारा देय ऋण की किश्तों को भी स्थगित करे। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस आपदा का पूरे संकल्प एवं समर्पण भाव के साथ सामना कर रही है। हम इस चुनौती से निपटने के लिए 24 घंटे लगातार काम कर रहे हैं। इसके लिए राज्य एवं जिला स्तर पर वार रूम बनाए गए हैं। स्थिति पर सतत निगरानी रखने तथा त्वरित निर्णय के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का एक कोर गु्रप भी बनाया गया है। प्रदेश में आईसोलेशन के लिए एक लाख बैड की व्यवस्था कर ली गई है। पूर्व में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए विकसित की गई जांच एवं अन्य सुविधाओं तथा अनुभवों का भी हमें लाभ मिल रहा है।

हर वर्ग को पहुंचाई राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि लॉक डाउन के कारण प्रदेश में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए तथा लोगों की परचेजिंग पावर बनी रहे। इसके लिए 78 लाख लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत मिलने वाली पेंशन का फरवरी माह का भुगतान कर दिया गया है एवं मार्च माह का भुगतान भी इसी सप्ताह हो जाएगा। राज्य सरकार इस पर 1500 करोड़ रूपए वहन कर रही है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंद वर्गों के करीब 31 लाख परिवारों को 2500 रूपए की अनुग्रह राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। हमने हर वर्ग को अपने फैसलों से राहत पहुंचाई है। गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जो भी एडवाइजरी जारी की जा रही है, राज्य सरकार उसकी प्रभावी पालना सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान इस महामारी को लेकर पूरी तरह सतर्क और सजग है। हम इस चुनौती का सामना करने में किसी तरह की कमी नहीं आने देंगे।

तबलीगी जमात का बेहद लापरवाह रवैया
प्रधानमंत्री मोदी भले ही मुख्यमंत्रियों से धर्मगुरुओं का सहयोग लेने की अपील कर रहे हैं, लेकिन तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना मुहम्मद साद जैसे धार्मिक नेता ही अपने गैरजिम्मेदार रवैये से हजारों लोगों की जान खतरे में डाल दी है। निजामुद्दीन मरकज को खाली कराने की दिल्ली पुलिस की बार-बार अपील के बाद मौलाना ने जिद्दी रुख अपनाया। और तो और एक वायरल ऑडियो में मौलाना लोगों से मस्जिद आने की अपील करता रहा। ऑडियो क्लिप में मौलाना यह कहते हुए सुना जा रहा है कि अगर मस्जिद आने से मौत होती है तो इसके लिए मस्जिद से बेहतर कोई और जगह नहीं हो सकती।
दिल्ली पुलिस ने मौलाना के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है लेकिन वह फरार है। तबलीगी जमात की वजह से देश में कोरोना पॉजिटिव केसों का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ा है। जमात से जुड़े 10 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग इस खतरनाक वायरस के संक्रमण का शिकार हो चुके हैं।

बता दें, भारत में लॉकडाउन के बावजूद कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं। सरकारें लगातार कोशिश कर रही हैं कि लोग घरों में रहें ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके, लेकिन कहीं-कहीं लोग पूरी तरह से इसका पालन नहीं कर रहे हैं।