महाराष्ट्रमुंबई शहर रेप पर मृत्युदंड की सजा कानूनी रूप से सही: बॉम्बे हाईकोर्ट 5th March 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई , बॉम्बे हाईकोर्ट में सोमवार को कहा गया कि भारतीय दंड संहिता में बार-बार बलात्कार के दोषियों के लिए विधायिका द्वारा मृत्युदंड की सजा का प्रावधान कानूनी रूप से सही कदम है। शक्ति मिल्स सामूहिक बलात्कार मामले में न्याय मित्र ने हाईकोर्ट से सोमवार को कहा कि ऐसे अपराधियों को सबक देने के लिए यह सही कदम है।न्याय मित्र ने न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी और रेवती मोहिते डेरे की पीठ से कहा कि हालांकि, इस केस में धारा 376 (ई) का उपयोग करने पर सवाल हो सकते हैं। पीठ शक्ति मिल्स केस में फांसी की सजा पाए तीन दोषियों की ओर से कानून के इस प्रावधान की वैधता को चुनौती देनेवाली पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इस प्रावधान को केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर की दिल्ली सामूहिक रेप घटना के बाद 2013 में कानून की धारा 376(ई) में जोड़ा था। कोर्ट द्वारा न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) नियुक्त अबड पोंडा ने कहा कि यह प्रावधान सभी कानूनी और संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप है। हालांकि इस वर्तमान मामले में इसपर सवाल उठाए जा सकते हैं।इससे पहले सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा कि इस प्रावधान को आईपीसी में जोड़ने का उसका मकसद क्या था, जबकि रेप के मामले में मौत की अधिकतम सजा पहले से ही कानून में मौजूद है। हालांकि केंद्र और न्याय मित्र दोनों ने ही इस नई धारा का बचाव किया। उन्होंने हाईकोर्ट से कहा कि धारा 376 की उपधारा ए उस स्थिति के लिए है जब पीड़िता की मौत हो जाती है या वह सदा के लिए अचेतावस्था में चली जाती है। जबकि धारा 376(ई) अगर आरोपी इससे पहले भी इस तरह के अपराध में दोषी पाया गया हो तो ऐसे मामले में उसे मौत की सजा दी जा सकती है। इस मामले के दोषी कई बार बलात्कार में दोषी पाए गए हैं। Post Views: 194