उत्तर प्रदेशचुनावी हलचलदिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रराजनीतिशहर और राज्य लोकसभा चुनाव: मोदी की सुनामी में इस तरह बह गया विपक्ष, देशभर में खिला कमल 24th May 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली, 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर थी तो 2019 में मोदी की सुनामी में पूरा देश केसरिया रंग में रंग गया। बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए ने 542 में से 350 सीटें जीतकर विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया। हालत यह हो गई है कि इस बार भी लोकसभा में कोई भी मुख्य विपक्षी दल नहीं रहेगा। समूचा लोकसभा चुनाव एक नाम और एक चेहरे पर लड़ा गया। वह थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। यह मोदी की विजयी रणनीति थी जिसने बीजेपी को रेकॉर्ड तोड़ जीत दिलाई।बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पीएम मोदी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को प्रधानमंत्री के रूप में खुद के जनमत संग्रह के रूप में बदल दिया। उन्होंने इस दांव से कांग्रेस के ‘राफेल अटैक’ की हवा निकाल दी। उन्होंने इस बात को सुनिश्चित किया कि बीजेपी के गठबंधन सहयोगी चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ मंच पर नजर आएं। इसके बाद उन्होंने पूरे देश में चुनाव प्रचार की मैराथन पारी शुरू की। चुनाव जीतने के लिए मोदी ने रणनीति के तहत काम किया टीम मोदी में शामिल प्रमुख सदस्यों ने ईटी को नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि पीएम मोदी ने चुनाव जीतने के लिए एक खास रणनीति के तहत काम किया। इसके तहत उन्होंने चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले उन्होंने जनवरी से मार्च तक 100 रैलियां कीं। इसके बाद उन्होंने चुनाव के दौरान 51 दिनों में 146 रैलियां और रोड शो किया। इसके जरिए उन्होंने देश की लगभग आधी सीटों को कवर कर लिया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी जहां भी रैली करने नहीं जा पाते थे, वहां पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जनसभा करते या फिर रोड शो करते। दोनों यह सुनिश्चित करते थे कि किसी भी जगह पर रैली रिपीट न हो। इसी तरह से पीएम मोदी ने निजी रूप से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि एनडीए में शामिल सहयोगी दलों के नेता उनकी रैलियों और वाराणसी में नामांकन के दौरान मौजूद रहें। इसके तहत मोदी ने यह दर्शाने की कोशिश की कि वह गठबंधन का नेतृत्व कर सकते हैं। मोदी की लोकप्रियता वर्ष 2014 के मुकाबले ज्यादाइसके विपरीत बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगी दलों के नेता राहुल गांधी की रैलियों में बहुत कम नजर आए। यही नहीं टीम मोदी ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन सर्च ट्रेंड का डेटा इकट्ठा किया जिसमें पता चला कि मोदी की लोकप्रियता वर्ष 2014 के मुकाबले ज्यादा थी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘शुरू से एक चीज स्पष्ट थी कि पूरा फोकस मोदी पर ही रखना है। पोस्टर से लेकर सोशल मीडिया पर प्रचार तक में इसी पर फोकस किया गया ताकि मोदी को दुबारा सत्ता में लाया जा सके। उन्होंने कहा, प्रचार के जरिए यह बताने का प्रयास किया गया कि केवल मोदी विकास, सुरक्षा और स्थिर सरकार दे सकते हैं। इस लड़ाई में कोई विपक्षी नहीं था। यह चुनाव मोदी का जनमत संग्रह था। हमें इसे हमेशा से ही जीतना था। कांग्रेस ने जहां सोशल मीडिया पर न्याय, राहुल गांधी के नेतृत्व, प्रियंका गांधी के आने पर फोकस किया वहीं बीजेपी ने केवल और केवल फिर एक बार, मोदी सरकार पर जोर दिया। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद उधेड़बुन में था विपक्ष टीम मोदी ने बताया कि मोदी ने तुरंत पकड़ लिया कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद विपक्ष उधेड़बुन में है। बीजेपी के एक रणनीतिकार ने कहा, बालाकोट एक ऐसा मुद्दा था जिसने सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी की रैलियों में सबसे ज्यादा पसंद किया गया, खासतौर पर पीएम मोदी के घर में घुसकर मारेंगे के बयान को। हम इसे अनदेखा नहीं कर सके। विपक्ष ने हालांकि बालाकोट को अनदेखा किया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने इस बार खुद ही राहुल गांधी के चौकीदार चोर है के नारे का सामना किया और मैं भी चौकीदार कैंपेन चलाया। पीएम मोदी के इस दांव ने भ्रष्टाचार के आरोप को बेदम कर दिया। इसके साथ-साथ मोदी ने राष्ट्रवाद के नारे को आगे बढ़ाया। प्रधानमंत्री का यह अभियान ग्रामीणों इलाकों में काम कर गया और बीजेपी को जीत मिली। यही नहीं चुनाव आचार संहिता के दौरान बीजेपी के सोशल मीडिया पर प्रचार कांग्रेस को पांच गुना पीछे छोड़ दिया। रैलियों में सबसे ज्यादा फोकस UP और पश्चिम बंगाल पर टीम मोदी के सदस्य ने बताया कि पीएम मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में सबसे ज्यादा फोकस यूपी और पश्चिम बंगाल पर किया। दूसरे चरण में मोदी ने कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश में नौ और राजस्थान में आठ रैलियां कीं। पूर्वी यूपी में पीएम मोदी ने अपना पूरा जोर लगा दिया और 18 रैलियां कीं। मोदी की यह रणनीति भी काम कर गई और अखिलेश तथा मायावती को पूर्वी यूपी पर फोकस करना पड़ा। यह नहीं पीएम मोदी ने नांदेड़, डायमंड हार्बर और जोधपुर जैसी उन सीटों पर रैलियां कीं जिसे विपक्ष अपनी सुरक्षित सीट समझता था। इसके जरिए मोदी ने यह संदेश देने की कोशिश की कि वह विपक्ष को माफ करने के मूड में नहीं है। Party colleagues from Kashi gave me the official certificate of election from Varanasi Lok Sabha constituency! Feel happy to be representing one of the oldest and most vibrant centres of Indian culture. pic.twitter.com/Ijh8YBUvhU— Narendra Modi (@narendramodi) May 24, 2019 Post Views: 173