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WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने दर्ज कराया बयान, बोले- मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बेबुन‍ियाद!

नयी दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बयान दर्ज किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर का भी बयान दर्ज किया है। बृजभूषण ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है।
दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़ी है जिसमें पॉक्सो कानून और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, दूसरी प्राथमिकी वयस्कों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बृजभूषण को जांच में शामिल होने के लिए एक नोटिस भेजा गया था। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में उनसे करीब 3 घंटों तक पूछताछ की गई।
अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा सांसद से अभी तक विशेष जांच दल (SIT) द्वारा पूछताछ की गई है। उन्होंने बताया, दोनों मामलों में सिंह ने आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया है कि उन्हें ‘फर्जी’ तरीके से फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुश्ती महासंघ के प्रमुख से अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज और साक्ष्य देने को कहा गया है।
पुलिस ने कहा कि अभी तक 30 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और अन्य के दर्ज किए जाने हैं, जिसके बाद बृजभूषण से आगे पूछताछ की जाएगी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हमें भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है।
मामले की जांच के तहत दिल्ली पुलिस के कई दलों को बयान दर्ज करने और साक्ष्य एकत्र करने के लिए उत्तर प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक और हरियाणा भेजा गया है। हालांकि, अभी तक बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग का ही बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज हुआ है।
अधिकारी ने बताया कि जल्द ही बाकी 6 महिला पहलवानों के बयान भी मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किए जाएंगे। हालांकि, पुलिस ने नाबालिग सहित सभी शिकायतकर्ताओं के बयान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज कर लिए हैं। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को विशेष अदालत को बताया कि मामले की जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल को उक्त जानकारी दी गई।
इससे पहले अदालत ने दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट देने को कहा था। लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि इस मामले की स्थिति रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंप दी गई है और अनुरोध किया गया है कि मामले की प्रकृति को देखते हुए इसे किसी के साथ साझा नहीं किया जाए। दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 27 मई तय कर दी।

बृजभूषण शरण सिंह ने क्या कहा?
भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी सफाई मे कुछ वीडियो साक्ष्य और मोबाइल डाटा दिल्ली पुलिस को सौंपने की बात कही है। वो जल्द ही इसे दिल्ली पुलिस के सामने प्रस्तुत करेंगे।
इससे पहले गुरुवार (11 मई) को एक नाबालिग महिला पहलवान ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया। उधर, दिल्ली के जंतर मंतर पर 23 अप्रैल 2023 से धरना दे रहे पहलवानों ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले में धीमी गति से कार्रवाई कर रही है।
धरना देने वाली पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि आरोप लगाने वाली सभी 7 महिला पहलवानों के साथ-साथ बृजभूषण शरण सिंह का नार्को टेस्ट कराया जाना चाहिए और जो भी गलत हो उसे तुरंत फाँसी पर लटका दिया जाए।
इस बीच पहलवानों ने सरकार पर एक बार फिर आरोप लगाया है। बजरंग पुनिया ने कहा कि धरना देने वाले पहलवानों का नंबर ट्रैक किया जा रहा है। पुनिया ने कहा, आजकल हमारे फोन नंबर की जासूसी की जा रही हैं। हमारे साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है, जैसे की हमने कोई अपराध किया है। जो भी हमारे संपर्क में है, उसकी जासूसी की जा रही है।
बता दें कि पहलवानों ने इस साल जनवरी में धरना दिया था, तब उन्होंने यौन शोषण का आरोप लगाकर जाँच की माँग की थी। तब उन्होंने पुलिस में FIR दर्ज नहीं कराई थी। जाँच के बाद कमिटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी। उसके बाद 23 अप्रैल से पहलवान फिर से जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए।
पहले उन्होंने कहा कि यौन शोषण को लेकर दिल्ली पुलिस उनकी रिपोर्ट नहीं लिख रही है। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो FIR दर्ज की गई। इसके बाद पहलवानों ने अपनी माँग को आगे बढ़ाते हुए का कि WFI चीफ अध्यक्ष पद के साथ-साथ सांसद की सदस्यता छोड़ें।
हालाँकि, बृजभूषण शरण सिंह ने इससे साफ इनकार कर दिया और कहा कि सांसदी इन पहलवानों की दी हुई नहीं है, जो उनके कहने पर वे छोड़ देंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि जब उन पर मामला दर्ज हो ही गया तो वे एक आरोपित के रूप में अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
इसके बाद पहलवान उनकी तुरंत गिरफ्तारी की माँग पर अड़े हुए हैं और जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हुए हैं। उन्होंने जाट समुदाय के खापों से भी समर्थन माँगा था। इसके बदले में वहाँ खाप नेता और किसान नेता भी आए। इस दौरान उन्होंने ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’ और ‘हमें चाहिए आजादी’ जैसे आपत्तिजनक नारे भी लगाए।