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शुक्रवार को राम मंदिर ट्रस्ट के गठन का ऐलान? रविवार को खत्म हो रही है कोर्ट की समय सीमा

नयी दिल्ली: शुक्रवार को सरकार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन का ऐलान कर सकती है। चूंकि संसद सत्र चल रहा है कि इसीलिए इसका ऐलान सदन के भीतर ही किया जाएगा। उसी समय मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन जमीन के आंवटन का भी ऐलान होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट के गठन के लिए नौ फरवरी तक की तारीख तय रखी है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इसका ऐलान किया जाना ही बाकी है। वैसे संसद चालू होने के कारण ट्रस्ट के बारे में कोई भी जानकारी देने से सरकार परहेज कर रही है। लेकिन इतना तय है कि इस ट्रस्ट का गठन नरसिंह राव सरकार के समय संसद पारित कानून के तहत ही किया जाएगा।
जिसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक ट्रस्ट के गठन और विवादित व अधिगृहित जमीन को उसे स्थानांतरित करने का प्रावधान है। एक बार ट्रस्ट का गठन हो जाने और उसे जमीन स्थानांतरित हो जाने के बाद मंदिर निर्माण की पूरी रुपरेखा तैयार करने और उसे क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी उसकी होगी। ट्रस्ट के गठन के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन की पहचान भी कर ली गई है। ट्रस्ट के साथ-साथ इसका भी ऐलान किया जाएगा।

ट्रस्ट में नहीं होगा भाजपा का कोई नेता
ध्यान देने की बात है कि गृहमंत्री अमित शाह ने पहले ही साफ कर रखा है कि भाजपा का कोई नेता ट्रस्ट में शामिल नहीं होगा। माना जा रहा है कि अयोध्या आंदोलन की सूत्रधार रही विश्व हिंदू परिषद और राममंदिर निर्माण न्यास समिति का भी कोई पदाधिकारी ट्रस्ट में शामिल नहीं होगा। इसके किसी पदाधिकारी को निजी हैसियत से ट्रस्ट में जगह मिल सकती है। वहीं ट्रस्ट के कामकाज को सुचारू रुप से चलाने के लिए अयोध्या के जिलाधिकारी या किसी वरिष्ठ अधिकारी को इसका पदेन सदस्य बनाया जा सकता है। इसके साथ ही गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को भी इसमें रखा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ही कह दिया था कि निर्मोही अखाड़े का एक प्रतिनिधि इसका सदस्य होगा।