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सीएम उद्धव का मोदी सरकार पर निशाना, कहा- महामारी के दौरान सत्ता की लालसा से अराजकता उत्पन्न होगी

मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने पूर्व सहयोगी भाजपा पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान ‘सत्ता की लालसा’ के साथ कार्य करने से ‘अराजकता’ उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि जीवन बचाना अब सबसे महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने मराठी दैनिक ‘लोकसत्ता’ द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे यदि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह सत्ता क्यों चाहते थे। उन्होंने कहा, अगर मुझे वोट देने वाले लोग कोविड-19 महामारी से नहीं बच सके तो सत्ता का क्या फायदा। उन्होंने विपक्षी दल का नाम लिए बिना कहा, कोविड-19 के बीच सत्ता की लालसा से काम करने से अराजकता उत्पन्न होगी।
ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री बनना उनका लक्ष्य कभी नहीं रहा और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे से शिवसेना एक कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाने का उनका वादा अभी पूरा नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, मेरा झुकाव कभी भी राजनीति की तरफ नहीं था। मैं अपने पिता की मदद करने के लिए राजनीति में आया था। 100 साल बाद एक महामारी मुख्यमंत्री के तौर पर मेरे कार्यकाल के दौरान हुई है। मैं कभी भी जिम्मेदारी से नहीं कतराया। मैं अपनी क्षमता के अनुसार, जो कर सकता हूं वह कर रहा हूं। उनसे प्रश्न किया गया कि क्या भाजपा के साथ शिवसेना का गठबंधन, जो 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद कटुता के साथ समाप्त हुआ, पुनर्जीवित हो सकता है। इसके जवाब में ठाकरे ने कहा कि भाजपा नेताओं प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद संबंधों और विश्वास की कमी थी।
उन्होंने कहा, भाजपा अब दिल्ली केंद्रित है। किसी गठबंधन में मतभेदों पर चर्चा करने और उन्हें हल करने के लिए खुलापन होना चाहिए। मेरे नये सहयोगी (राकांपा और कांग्रेस) मेरे साथ सम्मान से पेश आते हैं। एमवीए एक गठबंधन है जिसमें हमारे मतभेद थे, इसलिए हम अब और अधिक खुले हुए हैं। ठाकरे ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन ने अपना ‘सुनहरा दौर’ देखा, जब दोनों पार्टियां विपक्ष में थीं और भगवा विचारधारा ने उन्हें एकसाथ रखा और उनमें आपसी विश्वास और सम्मान था। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उन्हें अक्सर फोन करती हैं।