उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य कानपुर एनकाउंटर: सवालों के घेरे में पुलिस, 15 दिन हिरासत में रखकर पुलिस नहीं उगलवा पाई राज, जय ने अचानक कैसे किया खुलासा? 21st July 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this कानपुर: कानपुर के बिकरु गांव में आठ पुलिसवालों की हत्या को अंजाम देने के बाद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की गिरफ्तारी फिर एनकाउंटर के बाद अब उसके खजांची जय बाजपेयी की 15 दिन बाद हुई गिरफ्तारी पर भी सवाल उठने लगे हैं? 15 दिन तक हिरासत में रखने के बाद उससे लंबी पूछताछ चलती रही लेकिन तब तक पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिले। शनिवार को जब उसे छोड़े जाने की चर्चा उड़ी तो आनन-फानन में रविवार रात को उसकी गिरफ्तारी पर मुहर लग गई। परन्तु जय से कई बार पूछताछ और उसको छोड़ने पर पुलिस सवालों के घेरे में है? सवाल है कि आखिर दो सप्ताह से इतना ड्रामा क्यों चल रहा था। जब जय पकड़ा गया था तब से अब तक साक्ष्य जुटाने में इतना समय क्यों लग गया। कारों के जरिये मदद जय ने कब और कैसे की? ऐसे कई सवाल अभी भी अनसुलझे हैं। पुलिस अफसर भी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।इसके बाद सोमवार को उसे ओर उसके साथी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू को जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि दो जुलाई की रात बिकरू गांव में दहशतगर्द विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर हमला कर आठ पुलिसकर्मियों को मार दिया था। चार जुलाई की सुबह विजय नगर में विकास के साथी ब्रह्मनगर निवासी जय की तीन लग्जरी कारें (ऑडी, वरना, फॉर्च्यूनर) लावारिस हालत में मिली थीं। तीनों कारों की नंबर प्लेट गायब थीं। पुलिस ने गाड़ियां जब्त कर जय से पूछताछ शुरू की तो आशंका हुई कि विकास व उसके साथियों को भगाने में जय ने मदद की। इस दौरान लगातार उससे पूछताछ जारी रही। एसटीएफ ने भी पूछताछ की। शनिवार को उसे छोड़ देने की चर्चा फैल गई। कानपुर से लखनऊ तक सोशल मीडिया पर पुलिस पर साठगांठ का आरोप लगने लगा। इसके बाद रविवार शाम जय व उसके आर्यनगर निवासी साथी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू (मुठभेड़ में मारे गए प्रवीण दुबे उर्फ बउआ का जीजा) को फिर हिरासत में ले लिया गया और फिर गिरफ्तारी दिखाकर जेल भेज दिया गया। घटना वाले दिन…जय ने विकास को लाइसेंसी रिवाल्वर, 25 कारतूस और दो लाख कैश दिएएक दिन पहले तक जहां पुलिस कह रही थी कि जय के वारदात में शामिल होने का सुबूत नहीं मिल रहा है। अब सवाल उठता है कि रविवार को उसी पुलिस के सामने जय ने पूरे राज कैसे उगल दिए। पुलिस को साक्ष्य भी मिल गए।एसएसपी दिनेश कुमार पी के मुताबिक एक जुलाई को विकास दुबे ने जय से फोन पर बातचीत की। दो जुलाई की शाम जय बिकरू गावं गया। यहां पर उसने विकास को अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर, 25 कारतूस और दो लाख रुपये कैश दिए थे। इसलिए जय को साजिश रचने के साथ-साथ आर्म्स एक्ट के तहत आरोपी बना केस दर्ज किया गया। जय की गाड़ियों का इस्तेमाल विकास और उसके साथियों को फरार कराने में इस्तेमाल हुआ है कि नहीं इसकी जांच की जा रही है। जय व प्रशांत की और क्या-क्या भूमिका रही है, उसकी भी तफ्तीश जारी है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। कुछ सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। इसमें कारें आर्यनगर से विजय नगर तक कैद हुई हैं। जय के साथ प्रशांत भी पूरी घटना में शामिल रहा है। Post Views: 196