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महाराष्ट्र: अब सचेतक को नहीं मिलेगा राज्यमंत्री का दर्जा, मुख्य सचेतक सिर्फ राज्य शिष्टाचार के लिए मंत्री

मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों के मुख्य सचेतकों को केवल राजशिष्टाचार के लिए मंत्री पद का दर्जा दिया जायेगा, लेकिन सचेतकों को राज्य मंत्री पद का दर्जा नहीं दिया जाएगा। जबकि पूर्व की फडणवीस सरकार में मुख्य सचेतकों को केवल राजशिष्टाचार के लिए मंत्री पद और सचेतकों को राज्य मंत्री पद का दर्जा दिया गया था।
हालांकि, इस बार विपक्षी दल भाजपा के भी मुख्य सचेतक होंगे। जबकि पूर्व की सरकार में केवल सत्ताधारी दल भाजपा और शिवसेना के मुख्य सचेतक बनाए गए थे। वहीं तत्कालीन विपक्षी दल कांग्रेस और राकांपा के केवल सचेतक बनाए गए थे। प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य विभाग ने विधानमंडल के मुख्य सचेतक और सचेतकों को सुविधाएं देने के संबंध में शासनादेश जारी किया है।
इसके मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा और विधान परिषद सदन में कुल सदस्य संख्या के 10 प्रतिशत सदस्य संख्या वाले दलों का प्रत्येक एक सदस्य मुख्य सचेतक और सचेतक रहेंगे। मुख्य सचेतकों को केवल राजशिष्टाचार के लिए मंत्री पद का दर्जा रहेगा। उन्हें मंत्री पद के लिए लागू वेतन, भत्ता और अन्य कोई भी सुविधाएं नहीं मिल सकेंगी। इससे पहले पूर्व की फडणवीस सरकार के समय विधानसभा और विधान परिषद सदन में सत्ताधारी दल भाजपा के एक और घटक दल शिवसेना के एक मुख्य सचेतक बनाए गए थे। जबकि दोनों सदनों में सदन की संख्या के 10 प्रतिशत सदस्य संख्या वाले दल राकांपा और कांग्रेस के एक-एक सदस्यों को सचेतक बनाया गया था।