उत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य शिवसेना ने की राहुल की तारीफ, कहा- राहुल कांग्रेस के सेनापति, मोदी सरकार पर उनका हमला सटीक, सुझाव मानने पर मजबूर होता है केंद्र 13th May 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: शिवसेना पार्टी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा है कि राहुल गांधी भाजपा के खिलाफ अकेले लड़ाई लड़ रहे हैं और कड़ी आलोचनाओं के बावजूद भी वह हमेशा अपनी बात रखते हैं। सामना के संपादकीय में दावा किया गया है- कोविड-19 महामारी के बीच राहुल गांधी ने कई मुद्दों पर केंद्र की आलोचना की और सुझाव भी दिए। उनकी सख्त आलोचना के चलते बाद में सरकार को उनके द्वारा दिए सुझावों पर फैसला लेना पड़ा। शिवसेना ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस के सेनापति हैं और सरकार पर उनके हमले सटीक और मुद्दों पर आधारित होते हैं। संपादकीय में दावा किया गया कि लोगों में बेरोजगारी, आर्थिक संकट, महंगाई और कोविड-19 की स्थिति के प्रबंधन जैसे मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश है। शिवसेना ने कहा- इस वक्त सभी मुख्य विपक्षी दलों को टि्वटर शाखाओं से राजनीतिक जमीन पर आना होगा। शिवसेना का कहना है कि जमीन पर आने का मतलब महामारी के वक्त में भीड़ इकट्ठा करना नहीं है, बल्कि हर दिन सरकार से सवाल करना और उसे जिम्मेदार ठहराना है। ये काम पूरी जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए जिससे सरकार के खिलाफ मोर्चेबंदी की जा सके। शिवसेना ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता भले ही कहें कि वे शिवसेना का मुखपत्र ‘सामना’ नहीं पढ़ते लेकिन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने उसके उस लेख पर ध्यान दिया था जिसमें पूछा गया था कि क्यों उनकी पार्टी असम तथा केरल में मौजूदा सरकारों को हरा नहीं सकी। मराठी समाचार पत्र के एक संपादकीय में यह भी पूछा गया कि कांग्रेस में नेतृत्व की कमी के लिए कौन जिम्मेदार है। संपादकीय में यह भी कहा गया कि कांग्रेस को भविष्य में मजबूत विपक्षी पार्टी के तौर पर काम करना पड़ेगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने हाल ही में कहा कि उन्होंने सामना पढ़ना बंद कर दिया है। शिवसेना को उनकी पार्टी तथा उसके नेतृत्व पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। बहरहाल सामना में बुधवार को कहा गया कि सोनिया गांधी ने पूछा कि असम और केरल में अच्छा मुकाबला करने के बावजूद कांग्रेस मौजूदा सरकारों को क्यों नहीं हरा पाई। यही सवाल सामना में इस स्तंभ के जरिए पूछा गया था। शिवसेना ने कहा कि अगर वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने संपादकीय पढ़ा होता और जमीनी सच को सोनिया गांधी के सामने रखा होता तो यह अच्छा होता। शिवसेना महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ सत्ता में है। उसने कहा कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और असम के नए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा तथा पुदुचेरी के एन रंगासामी सभी पूर्व कांग्रेस नेता हैं। संपादकीय में कहा गया- इन तीनों को कांग्रेस छोड़नी पड़ी और फिर ये मजबूत नेता बनकर उभरे। Post Views: 213