ब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहर मुंबई के जीटीबी नगर की जर्जर इमारतों में रहने को मजबूर सैकड़ों परिवार; आर्थिक स्थिति ख़राब होने से किराये पर घर लेना भी नहीं हो रहा संभव 27th August 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई,(राजेश जायसवाल): मुंबई के गुरुतेग बहादुर नगर (जीटीबी नगर) की पंजाबी कॉलोनी के कुछ रहिवासियों पर चौबीस घंटे मौत का साया मंडरा रहा है। जी हाँ यहां करीब सौ परिवार अभी भी आर्थिक स्थित ठीक नहीं होने के कारण इन जर्जर इमारतों में रहने के लिए बेबश हैं। इनका जीवन जोखिम से भरा है क्योंकि वे कहीं और जगह किराये पर फ्लैट लेने में असमर्थ हैं। बता दें कि यहां कुल 25 इमारतें हैं, जिसमें 1,200 घर है और अधिकांश लोग बारिश और खतरे को भांपते हुए अपना आशियाना छोड़कर अन्यत्र जगह शिफ्ट हो चुके हैं। बताया जाता है कि यहां रहने वाले ज्यादातर लोग नवी मुंबई जा चुके हैं। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के शरणार्थियों के लिए 1958 और 1962 के बीच बनी, चार मंजिला इन इमारतों में हमेशा रौनक देखने को मिला करती थी। जैसे-जैसे वर्षों की उपेक्षा के बाद इमारत में दरारें आने लगीं, उसके पुनर्विकास करने के प्रयास किसी न किसी कारण से आगे नहीं बढ़ सकें। इससे भवनों की स्थिति और भी जर्जर होती चली गई। बीएमसी ने 2020 में काट दिया था बिजली और पानी इन इमारतों को खाली करने के उद्देश्य से मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एफ उत्तर विभाग द्वारा पंजाबी कॉलोनी की इन इमारतों में बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी गई थी। दरअसल, 19 अगस्त को मुंबई के बोरीवली पश्चिम के साईंबाबा नगर में एक चार मंजिला ‘गीतांजलि अपार्टमेंट’ नामक इमारत ढह गई थी। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी बीएमसी के आर-सेंट्रल वार्ड के मुताबिक, उपरोक्त इमारत को जीर्ण-शीर्ण माना गया था और इसे पहले ही छोड़ने का आदेश जारी किया गया था। इस हादसे के बाद से जीटीबी नगर का पंजाबी कॉलोनी फिर से ध्यान में आ गई है। हम लोग नहीं भर सकते इतना किराया यहां 5 नंबर बिल्डिंग के तीसरी मंजिल पर रहने वाली सुमन कोछड़ बताती हैं कि उनके पति अशोक को पैरालिसिस है, वह पिछले तीन सालों से बिस्तर पर ही पड़े हैं। कुछ साल पहले हमारी बेटी की शादी हुई थी। सुमन ने कहा, अब हमारे पास आय का कोई स्रोत नहीं है और हम १५-२० हजार रूपये किराया नहीं दे सकते। हम बहुत चिंतित हैं लेकिन हम आर्थिक मजबूरी के कारण इस जगह को नहीं छोड़ सकते। सब्जी, दूध और किराना विक्रेता खुले बीम के कारण इमारतों में प्रवेश करने से मना कर देते हैं और बारिश से जर्जर दीवारों पर दरारों से पौधे निकल आते हैं। मेरे पास एक लंबी रस्सी से बंधा एक बैग है। मैं इसे विक्रेताओं से आवश्यक सामान लेने के लिए छोड़ देती हूं। हरमिंदर सिंह अपनी पत्नी और बेटी के साथ इसी इमारत में रहते हैं। उनका भी स्वास्थ्य खराब रहता है और आर्थिक रूप से भी वे तनावग्रस्त हैं, हरमिंदर ने बताया कि वे बचपन से इस घर में रह रहे हैं। जबकि हमारे सभी पड़ोसी पहले ही जा चुके हैं। कोई भी ऐसी परिस्थितियों में नहीं रहना चाहता लेकिन अधिकारियों को हमें जाने के लिए कहने से पहले सोचना होगा कि हम इतना किराया कैसे देंगे? उन्होंने कहा कि हमारे स्थानीय नेता ने हमारी मदद की, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। अधिकारियों के लिए लोगों को खाली करने के लिए नोटिस भेजना आसान है, लेकिन कुछ ऐसे हैं जो किराये के आवास का खर्च नहीं उठा सकते हैं। वे अभी भी बिजली और पानी के बिना इन इमारतों में रह रहे हैं और अपने सुरक्षित जीवन के लिए डर रहे हैं। नवी मुंबई में किराए पर रहने वाले पुष्कर रावत ने बताया कि परिसर खाली करने का दबाव हर दिन बढ़ रहा है। लेकिन स्थिति की गंभीरता को कोई नहीं समझ रहा है। उन लोगों का क्या जिनके पास किराया देने की क्षमता नहीं है? और नेता तो सिर्फ हमें आश्वासन देते हैं! गौरतलब है कि मुंबई में मानसून की मार से बचने के लिए बारिश के समय हर साल कई जर्जर इमारतें जमींदोज की जाती हैं। इससे पहले बीएमसी ऐसी इमारतों पर नोटिस चिपकाती है। इन हादसों को रोकने के लिए बीएमसी द्वारा बारिश से पहले इमारतों की जांच कर ऑडिट रिपोर्ट बनाई जाती है। इसमें ज्यादा जर्जर इमारतों को खाली कराया जाता है। ताकि किसी इमारत के ढहने से कोई जानमाल की हानि न हो। इसके अलावा इमारतों की बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर स्थानीय पुलिस को इमारत खाली कराने के लिए संपर्क किया जाता है। क्या है टीएसी कमिटी? टीएसी कमिटी एक ऐसी कमिटी है, जो निर्णय लेती है कि इमारत खाली करनी है और उसे तोड़ना है या फिर इमारत के ढांचे की मरम्मत करके काम चलाया जा सकता है। सी-1: इसके तहत उन इमारतों को गिना जाता है, जो अति जर्जर अवस्था में हैं और जिन्हें तोड़ना अति-आवश्यक होता है। सी-2: इसके तहत इमारत के ढांचे को बड़े पैमाने पर मरम्मत की आवश्यकता है। सी-3: इसके तहत इमारत के ढांचे को सामान्य मरम्मत की जरूरत होती है। Post Views: 220