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उदय उमेश ललित बने देश के नए चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

नयी दिल्ली: आज देश को नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाईं। पूर्व सीजेआई एनवी रमना का कार्यकाल कल 26 अगस्त को पूरा हो गया। आज से सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित होंगे।
भारत के नए चीफ जस्टिस ने शीर्ष कोर्ट में कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। इनमें सबसे ज्यादा अहम तीन तलाक, केरल में पद्मनाभस्वामी मंदिर पर त्रावणकोर शाही परिवार का दावा और पॉक्सो से जुड़े कानून पर लिए गए फैसले शामिल है।

बता दें कि नए चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित का कार्यकाल तीन महीने से भी कम करीब 74 दिन का होगा। देश के नए सीजेआई 8 नवंबर को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे। 9 नवंबर को ही उनका जन्मदिन है।
देश के नए चीफ जस्टिस यूयू ललित का जन्म 9 नवंबर,1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। वे भारत के इतिहास में ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस हैं जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी भी हाईकोर्ट में जज नहीं रहे। वे सीधे वकील से सुको में न्यायाधीश बनें और अब सीजेआई बने। उनसे पहले 1971 में देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश एस एम सीकरी के नाम यह उपलब्धि थी। यूयू ललित जून 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में कार्यरत हुए थे। 1985 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में और इसके बाद जनवरी 1986 से दिल्ली में प्रैक्टिस की थी।
यूयू ललित तब सुर्खियों में रहे जब उन्होंने अयोध्या मामले में सुनवाई करने वाली पांच जजों की बेंच से अपने आपको अलग कर लिया था। उन्होंने 2जी मामले में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक के रूप में भी कार्य किया था। वे लगातार दो कार्यकाल तक वह सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।