ब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहर मुंबई के इस नामचीन बिल्डर ने 23वीं मंजिल से कूदकर की आत्महत्या! मौत का कारण पता लगाने में जुटी पुलिस 21st October 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: मुंबई के नामचीन रियल एस्टेट डेवलपर पारस पोरवाल ने गुरुवार को मुंबई के चिंचपोकली स्थित बिल्डिंग की 23वीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें व्यवसाय में हुए भंयकर नुकसान के कारण जीवन समाप्त करने का उल्लेख है। आत्महत्या के लिए किसी अन्य को जवाबदार न माना जाये और किसी की भी जांच न की जाये, इस बात का भी जिक्र है। उनके रिश्तेदारों ने पारस पोरवाल के हस्ताक्षर की पहचान की और ऐसे ही किसी पर संशय नहीं होने की बात कहीं है। मूलत: राजस्थान के जालोर शहर जिले के निवासी हैं पारस पोरवाल। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 57 वर्षीय बिल्डर पारस पोरवाल, मुंबई के चिंचपोकली रेलवे स्टेशन के पास ‘शांति कमल हाउसिंग सोसाइटी बिल्डिंग’ में रहते थे। गुरुवार को पोरवाल ने अपनी जिम की बालकनी से छलांग लगा दी। सुबह छह बजे वह जिम करने अपनी ही प्राइवेट जिम में गए थे लेकिन कुछ ही देर में नीचे उनकी लाश पड़ी थी। सोसाइटी में पोरवाल के शव को देख पूरे टॉवर में हड़कंप मच गई। इसी बीच किसी ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्ज में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रियल एस्टेट डेवलपर पारस पोरवाल ने बिल्डिंग की 23वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने पोरवाल की जिम का मुआयना किया तो वहां एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा था कि उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है और किसी से कोई पूछताछ नहीं की जानी चाहिए।पुलिस ने कहा कि शव को फोरेंसिक जांच के लिए नागरिक अस्पताल ले जाया गया। पोरवाल की आत्महत्या की जांच की जा रही है। पोरवाल ने यह कदम क्यों उठाया, इसका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। जालोर में अस्पताल बनाने का सपना छोड़ गए पोरवाल जालोर निवासी पारस पोरवाल ने अपने गांव के लोगों से वादा किया था कि जरूरतमंद मरीजों के लिए अस्पताल बनवाऊंगा, वहां निशुल्क होगा इलाज किया जायेगा। पारस पोरवाल की मौत की सूचना आने के बाद मुंबई समेत जालोर में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके आत्महत्या की बात पर कई मित्र अभी भी भरोसा नहीं कर रहे हैं। बचपन से उनके खास दोस्त रहे एडवोकेट भंवरलाल ख्वास ने बताया कि पारसभाई आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। वो इतने हिम्मत वाले थे कि बाकि दोस्तों को भी चिंता में होने पर हिम्मत बंधाते थे। बाकी परिवार में भी उनके कोई चिंता वाली बात नहीं थी, सब कुछ अच्छा था। उन्होंने बताया कि करीब एक साल पहले पारस पोरवाल जालोर आए थे। यहां पर पोरवाल समाज के एक सामाजिक कार्यक्रम में परिवार के साथ भाग लिया था। उस समय जालोर के लिए कहकर गए थे कि गोगड़ी वाव में बने पुराने मकान की जगह अत्याधुनिक अस्पताल बनाकर गरीब मरीजों के लिए नि:शुल्क अस्पताल बनाऊंगा, इसको लेकर भी कई बार चर्चा करते रहते थे। ख्वास ने बताया कि पोरवाल का बचपन जालोर में गुजरा था। उसके बाद परिवार के साथ मुंबई चले गए एवं वहां पर एक बड़े बिजनेसमैन थे। समाज का भवन भी बना चुके हैं पोरवाल जालोर में कई बार भामाशाह बनकर उभर चुके हैं। कुछ वर्षों पहले सूरजपोल के पास पारस पोरवाल ने बड़ा भवन समाज के लिए बनाया एवं कई विकास कार्यों में भी योगदान दिया था। हालांकि, अभी जालोर में इतना नहीं आते थे, सामाजिक कार्यक्रम होने पर भाग लेने के लिए जालोर में आते रहते थे। उनका सपना था कि वे जालोर में जरूरतमंद लोगों के लिए अस्पताल बनवाए, मगर उनका ये सपना अधूरा रह गया। विधानसभा चुनाव लड़े थे पोरवाल पोरवाल मुंबई में रहते थे पारस पुत्र शांतिलाल पोरवाल मूलत: जालोर शहर के गोगड़ी वाव निवासी हैं। वर्तमान में जालोर शहर के कल्याणनगर में भी इनका बंगला बना हुआ है। पोरवाल परिवार में तीन भाई है, जो सभी मुंबई में रहते हैं। मुंबई के कालाचौकी विधानसभा क्षेत्र से ‘राष्ट्रीय जनता दल पार्टी’ के टिकट पर वे चुनाव भी लड़ चुके हैं। वर्तमान में उद्धव ठाकरे परिवार से भी इनकी काफी नजदीकियां थी। Post Views: 192