उत्तर प्रदेशचुनावी हलचलदिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य अपनी जीत पर स्मृति का ट्वीट, ‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता’ 24th May 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this कांग्रेस के स्मृति में हमेशा छायी रहेंगी…अमेठी की स्मृति अमेठी, अमेठी के आंगन में ‘तुलसी’ आखिरकार उग ही गईं। लेकिन गांधी परिवार के इस किले को भेंदना इसे सिर्फ मोदी लहर नहीं कहा जा सकता। एक समय टीवी सीरियल में तुलसी के किरदार से छा जाने वाली स्मृति इरानी के अमेठी तक के सियासी सफर की कहानी बड़ी दिलचस्प है। 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने 2019 में एक बार फिर राहुल गांधी को टक्कर देने की ठानी और गांधी परिवार के 50 साल पुराने गढ़ को जीत लिया। कांग्रेस के किसी राष्ट्रीय अध्यक्ष को हराने वाली वह पहली बीजेपी कैंडिडेट हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को स्मृति इरानी ने 55,120 वोटों से करारी शिकस्त दी है। स्मृति पार्टी की एक समर्पित कार्यकर्ता हैं। उन्होंने खुद को साबित कर दिखाया कि अगर इरादा पक्का हो तो आपको कोई नहीं हरा सकता। स्मृति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी का शुक्रिया अदा किया।60 दिनों तक गौरीगंज के घर में ठहरीं स्मृति प्रचार अभियान खत्म होने के पहले अमित शाह ने टीओआई से बातचीत में कहा था कि अमेठी में विकास और परिवारवाद की लड़ाई है। गुरुवार को उनकी इस बात से बीजेपी में तमाम लोग सहमत दिखे। 2014 में हार के बावजूद अमेठी में विकास कार्यों को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने लगातार दौरे करते हुए जनता के बीच आधार बनाया। करीब 60 दिनों तक स्मृति गौरीगंज में एक किराए के घर कृष्णा मैंशन में ठहरीं, जिसके मालिक राकेश गुप्ता हैं। 5 साल में 63 बार किया अमेठी का दौरा 2014 से 2019 के दौरान स्मृति ने चुपचाप अमेठी के 63 दौरे किए। दूसरी ओर राहुल ने इस दौरान 28 बार अपने संसदीय क्षेत्र का रुख किया। कई बार वह केंद्रीय मंत्रियों मसलन संजीव बालियान या मनोहर पर्रिकर के साथ अचानक गांवों में पहुंचकर लोगों को साड़ी, कपड़े, जूते और यहां तक कि कई बार किताबें भी बांटती नजर आईं। 2015 से 2017 के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हरिहरपुर और बरौलिया गांवों को गोद लिया था।सबसे बड़ा मौका आया इस साल मार्च में जब पीएम मोदी ने अमेठी में आधुनिक क्लाशनिकोव-203 राइफलों के निर्माण के लिए बनी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का लोकार्पण किया। यह सब ऐसे वक्त में हो रहा था जब राहुल गांधी ने यूपीए के शासनकाल में मंजूर मेगा फूड पार्क योजना छीनने का आरोप लगाया था। 2014 की हार के 1 महीने बाद अमेठी लौटीं स्मृतिप्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान स्मृति पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया था कि वह अमेठी के लोगों को गरीब और भिखारी समझती हैं। कहीं न कहीं इस बयान ने अमेठी के उन लोगों की नाराजगी बढ़ाई जो पहले से ही गांधी परिवार के यहां कथित रूप से कम समय गुजारने की वजह से खफा थे। 2014 में अपनी हार के एक महीने के अंदर स्मृति यहां दोबारा लौटीं और गांव वालों के लिए यूरिया-अमोनिया खाद का इंतजाम सुनिश्चित कराया। अमेठी रेलवे स्टेशन पर एक रिजर्वेशन सेंटर खुला। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री से अमेठी होते हुए उतरेटिया और वाराणसी के बीच रेल विद्युतीकरण का काम कराया। यही नहीं अमेठी-रायबरेली के बीच संपर्क मार्गों से लेकर नैशनल हाइवे और सैनिक स्कूल के लिए भी स्मृति ने पहल की। 2017 में अमेठी की 4 विधानसभाओं में जीती बीजेपी इसके बाद से स्मृति ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह लगातार तिलोई, सलोन, जगदीशपुर, गौरीगंज और अमेठी विधानसभा का दौरा करती रहीं। यही वजह थी कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एसपी के गठबंधन को झटका देते हुए बीजेपी ने 4 विधानसभाओं पर कब्जा जमा लिया।बीएसपी सुप्रीमो मायावती की अपने समर्थकों से कांग्रेस कैंडिडेट (राहुल गांधी) के लिए देरी से की गई वोट अपील के बावजूद स्मृति का समर्थन बढ़ा। अनुप्रिया पटेल, साध्वी निरंजन ज्योति और भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी ने अपनी सीट पर व्यस्तता के बीच यहां रैलियों को संबोधित किया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ यहां दो बार आए। स्मृति के नामांकन के दिन उन्होंने रोड शो में भी शिरकत की। मतदान करने के बाद स्मृति स्मृति ने स्थानीय विधायकों को दी तवज्जो…अपने पूरे प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने स्थानीय विधायकों जैसे कि गरिमा सिंह, दल बहादुर, मयंकेश्वर शरण सिंह को तवज्जो देते हुए सभी जातियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया। अमेठी लोकसभा प्रभारी और यूपी के मंत्री मोहसिन रजा ने अपनी टीम में ऐसे कई लोगों को शामिल किया जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना या उज्ज्वला योजना जैसी स्कीम का फायदा पहुंचा। इसके साथ ही स्मृति ने बीजेपी के जिला प्रभारी दुर्गेश, गोविंद चौहान और शहर में बड़ी मसाला कंपनी चलाने वाले कारोबारी राजेश की जुगलबंदी की बदौलत लोगों की समस्याओं और शिकायतों तक सीधी पहुंच बनाई। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता …— Smriti Z Irani (@smritiirani) May 23, 2019 ‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता…’ ये वो शब्द हैं जो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके ही गढ़ अमेठी में हराने के बाद लिखे। टीवी क्वीन एकता कपूर ने बड़े ही दिलचस्प तरीके से स्मृति ईरानी को जीत की बधाई दी है। एकता कपूर ने स्मृति के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इसके कैप्शन में एकता ने मशहूर टीवी सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ का टाइटल सॉन्ग लिखा है। कैप्शन में लिखा, ‘रिश्तों के भी रूप बदलते हैं, नए-नए सांचे में ढलते हैं। एक पीढ़ी आती है, एक पीढ़ी जाती है… बनती कहानी नई’। बता दें कि समृति और एकता की दोस्ती ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के समय से ही है और वक्त के साथ यह और गहरी होती गई। स्मृति ईरानी ने एकता के मशहूर शो क्योंकि… से अपनी पहचान बनाई थी। इसमें स्मृति लीड कैरक्टर तुलसी का किरदार निभा रही थीं। यह शो कई सालों तक टीवी पर राज करता रहा। शो खत्म होने के कुछ समय बाद स्मृति राजनीति में आ गईं। 2014 में वह केंद्रीय मंत्री भी बनाई गईं और अब वह अमेठी से लोक सभा का चुनाव जीत चुकी हैं। View this post on Instagram Rishton Ke bhi Roop badalte hain, naye naye saanche Mein dhalte hain, Ek peedhi Aati hai Ek peedhi jaati hai… Banti kahaani Naayi ????????❤️ A post shared by Erk❤️rek (@ektaravikapoor) on May 23, 2019 at 6:20am PDT Post Views: 185