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फेक टीआरपी मामला: दो महीने से जेल में बंद BARC के पूर्व CEO पार्थो दासगुप्ता को मिली जमानत, पैसे लेकर चैनल की TRP बढ़वाने का है आरोप

मुंबई: टीआरपी घोटाला मामले में 2 महीने से जेल में बंद BARC के पूर्व CEO पार्थो दासगुप्ता को मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। अदालत ने उन्हें दो लाख रुपए का पर्सनल बॉन्ड और दो सॉल्वेंट प्रस्तुत करने को कहा है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने दासगुप्ता को 24 दिसंबर को गिरफ्तार किया था।
निचली कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद दासगुप्ता ने जनवरी में हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। लेकिन, कोर्ट ने पहली जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि वे इस मामले में मास्टरमाइंट की भूमिका में हैं। इसके बाद अपनी खराब तबीयत का हवाला देते हुए दासगुप्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
बता दें कि पार्थो BARC के 2013 से 2019 के बीच CEO थे। BARC वह संस्था है, जो देश के 45 हजार घरों में टीवी पर लगे बार-ओ-मीटर के जरिए हर हफ्ते बताती है कि कौन सा चैनल कितना देखा जा रहा है।

दासगुप्ता के खिलाफ मुंबई पुलिस ने दायर की है चार्जशीट
मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के CEO विकास खानचंदानी, रोमिल रामगढ़िया और BARC के CEO पार्थो दासगुप्ता के खिलाफ TRP घोटाला मामले में 3400 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। इस मामले में अब तक लिए गए 59 गवाहों के बयान और 15 विशेषज्ञ के बयान जिसमें फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी शामिल हैं।

अर्नब और दासगुप्ता के बीच रिश्वत ले लेन-देन के सबूत मिले
मुंबई पुलिस ने पहले अदालत को बताया था कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने अपने दोनों समाचार चैनलों की TRP को बढ़वाने के लिए उन्हें कथित तौर पर ‘लाखों रुपए’ रिश्वत दी थी। मुंबई पुलिस के मुताबिक, पार्थो दासगुप्ता ने खुलासा किया है कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने उन्हें TRP में छेड़छाड़ के लिए 12 डॉलर और 40 लाख रुपए दिए थे। पार्थो ने ये भी कहा था कि उसे फिक्स रेटिंग के लिए कुल 40 लाख रुपए तीन साल में मिले थे।

वायरल हुआ था अर्नब गोस्‍वामी और दासगुप्ता के बीच का चैट
कुछ दिनों पहले रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्‍वामी और दासगुप्‍ता के कथित वॉट्सऐप चैट के स्‍क्रीनशॉट सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। BARC के ऑफिशियल सर्वर से रिकवर यह चैट 3600 पेज की चार्जशीट का हिस्‍सा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भी इन चैट्स के कुछ हिस्सों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से सार्वजनिक किया था।
जो चैट सार्वजनिक हुए थे उनमें एक नाम अर्नब का नजर आ रहा है, जबकि दूसरे नाम के बारे में दावा किया जा रहा है कि वे पार्थो दासगुप्ता हैं। यह क्राइम ब्रांच के पास मौजूद 500 पेज की वॉट्सऐप चैट का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि, मुंबई पुलिस ने अब तक इन स्क्रीनशॉट्स की पुष्टि नहीं की है।

क्या है टीआरपी?
TRP यानी टेलीविजन रेटिंग पॉइंट। यह किसी भी टीवी प्रोग्राम की लोकप्रियता और ऑडियंस का नंबर पता करने का तरीका है। किसी शो को कितने लोगों ने देखा, यह TRP से पता चलता है।
यदि किसी शो की TRP ज्यादा है तो इसका मतलब है कि लोग उस चैनल या उस शो को पसंद कर रहे हैं। एडवर्टाइजर्स को टीआरपी से पता चलता है कि किस शो में एडवर्टाइज करना फायदेमंद रहेगा।
TRP से ही पता चलता है कि किस चैनल को कितने लोग देख रहे हैं। किस शो की लोकप्रियता ज्यादा है। इसी आधार पर वे अपना प्रमोशनल प्लान तैयार करते हैं और एडवर्टाइजमेंट देते हैं।

टीवी चैनल्स TRP को कैसे प्रभावित कर सकते हैं?
टीवी चैनल्स दो तरह से TRP को प्रभावित करते हैं। पहला, यदि उन्हें पता चल जाए कि बार-ओ-मीटर या पीपल मीटर कहां लगे हैं तो वे उन परिवारों को सीधे कैश या गिफ्ट के जरिए अपने चैनल देखने को प्रेरित करते हैं। दूसरा, वे केबल ऑटरेटर्स या मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स के जरिए यह सुनिश्चित करते हैं कि दर्शकों को उनके चैनल सबसे पहले दिखें।