देश दुनियापुणेब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहर नक्सलियों का बचाव कर पीएम मोदी की हत्या करना चाहते थे ऐक्टिविस्ट्स : मुख्यमंत्री 28th September 2018 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई , भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नक्सल कनेक्शन के आरोप में नजरबंद ऐक्टिविस्ट्स को सु्प्रीम कोर्ट से करारा झटका लगने के बाद अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन पर तीखा हमला बोला है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ये पांचों ऐक्टिविस्ट्स देश में गृहयुद्ध भड़काने का प्रयास कर रहे थे , साथ ही वे नक्सलियों का बचाव कर पीएम मोदी की हत्या करना चाहते थे। फडणवीस ने कहा, वे देश में गृहयुद्ध भड़काने की कोशिश कर रहे थे। वे नक्सलियों का संरक्षण करने का प्रयास कर रहे थे और पीएम मोदी की हत्या करना चाहते थे। अब हर चीज का खुलासा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया है कि कोई भी राजनीतिक प्रभाव नहीं था और यह विपक्ष की आवाज को दबाने की साजिश नहीं है। उन्होंने कहा, यह पुणे पुलिस और देश के लिए बड़ी जीत है। वे (ऐक्टिविस्ट्स ) यह कई सालों से ऐसा कर रहे थे लेकिन उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं था, इसलिए जांच पूरी नहीं हो सकी। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। जांच के आधार और पुणे पुलिस के सबूत इकट्ठे करने को वैध माना गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगा। बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि ये गिरफ्तारियां राजनीतिक असहमति की वजह से नहीं हुई हैं। कोर्ट ने SIT जांच की मांग खारिज करते हुए ऐक्टिविस्ट्स की हिरासत 4 हफ्ते और बढ़ा दी है। SC ने पुणे पुलिस को आगे जांच जारी रखने को भी कहा है। अब इन ऐक्टिविस्ट्स पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। आपको बता दें कि पांच ऐक्टविस्ट्स वरवरा राव, अरुण फरेरा, वरनान गोन्साल्विज, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को पहले गिरफ्तार और फिर नजरबंद रखा गया है। अब इनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। इन ऐक्टिविस्ट्स की तत्काल रिहाई और उनकी गिरफ्तारी मामले में एसआईटी जांच की मांग के लिए इतिहासकार रोमिला थापर एवं अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ ही जस्टिस खानविलकर ने कहा कि ये गिरफ्तारियां राजनीतिक असहमति की वजह से नहीं हुई हैं, बल्कि पहली नजर में ऐसे साक्ष्य हैं जिनसे प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के साथ उनके कनेक्शन का पता चलता है ! Post Views: 193