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पकोड़े की दुकान पर आयकर का छापा..!

लुधियाना , आपको लगता है कि पकोड़े की दुकान पर आयकर का छापा पड़ सकता है , है ना चौंकाने वाली बात..! लेकिन यह सच है पन्ना सिंह पकोड़े वाले के यहां आयकर का छापा पड़ गया ! पकौड़े वाले की दुकान पर आयकर विभाग के इस छापे में बड़े पैमाने पर घोटाले मिले।
उल्लेखनीय है कि लुधियाना में एक छोटी सी पकौड़े की दुकान शुरू करने वाले पन्नासिंह की दुकान की अनेक शाखाएं पंजाब के कई राज्यों में खुल गई थी। ”पन्ना सिंह पकौड़े वाला” की दुकान न सिर्फ पंजाब बल्कि आसपास के राज्यों में भी प्रसिद्ध है। पंजाब की तर्ज पर अब इंदौर में भी कई कचोरी और पकौड़े बेचने वाले आयकर विभाग की निगाह में हैं जो बिक्री के नए-नए रिकॉर्ड प्रतिदिन तोड़ रहे हैं।
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पकौड़ा बेचने को रोजगार’ बताने वाले बयान की आलोचना करते हों, लेकिन लुधियाना का ‘पन्ना सिंह पकौड़े वाला’ प्रधानमंत्री के इस दावे को सच साबित करते हुए कई कदम आगे निकल गया लगता है। ‘पन्ना सिंह पकौड़े वाला’ नाम से लोकप्रिय पकौड़ों की यह दुकान इस समय आयकर विभाग की छापामारी के चलते सुर्खियों में है।
बता दें कि गुरुवार को आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस दुकान की वास्तविक आय का पता लगाने के लिए यहां छापा मारा है। ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक आयकर विभाग के प्रिंसिपल कमिश्नर डीएस चौधरी के निर्देश पर ‘पन्ना सिंह पकौड़े वाला’ की दो दुकानों पर छापामारी की गई है।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि दुकान के मालिकों ने कर से बचने के लिए अपनी वास्तविक आय छिपाई थी और इसी बुनियाद पर यह कार्रवाई की गई है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि दुकान के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच करते हुए आयकर विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को हुई बिक्री की भी जांच की है ताकि दैनिक बिक्री के आधार पर अनुमानित वार्षिक आय की गणना की जा सके, आयकर विभाग की छापामारी के बारे में अखबार ने दुकान के मालिक देव राज सिंह से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
स्वर्गीय पन्ना सिंह ने साल 1952 में लुधियाना में पकौड़े की एक छोटी सी दुकान चालू की थी जो बाद में काफी प्रसिद्ध हुई और पन्ना सिंह पकौड़े वाले की दुकान न सिर्फ पंजाब बल्कि दूसरे राज्यों में भी अपने पकौड़ों और दही भल्लों के लिए प्रसिद्ध है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने इसी साल एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में उनसे जब अपर्याप्त नौकरी सृजन के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि चैनल के स्टुडियो के बाहर यदि कोई पकौड़ा बेचकर प्रतिदिन 200 रुपए कमाता है तो उसे भी नौकरी के तौर पर माना जाना चाहिए।