दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य इंद्रेश कुमार बोले- हेमंत करकरे को ‘श्रद्धांजलि’ दी जा सकती है, आदर नहीं… 1st August 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार (फाइल फोटो) नयी दिल्ली, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के पूर्व चीफ हेमंत करकरे को ‘श्रद्धांजलि’ दी जा सकती है लेकिन उनका आदर नहीं किया जा सकता!गौरतलब है कि करकरे, 26/11 आतंकी हमले के दौरान कार्रवाई में शहीद हो गए थे।इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार पर मालेगांव धमाकों के आरोपी प्रज्ञा ठाकुर पर अत्याचार करने के लिए ‘वर्दी’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भले ही उनका अपराध साबित होना बाकी था, लेकिन यह अनुचित था और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।इंद्रेश कुमार ने कहा- एक आतंकवादी हमले में मारे गए हेमंत करकरे को श्रद्धांजलि दे सकते हैं, लेकिन उनका सम्मान नहीं किया जा सकता। बलिदान का सम्मान है, लेकिन करकरे की ज्यादतियों को भी इंगित किया जाना चाहिए।आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य ने कहा कि हम सभी को इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि उसने (प्रज्ञा ठाकुर ने) मानवता का प्रदर्शन किया और उसके बयान पर (करकरे पर) हंगामा होने के बाद बदलाव किया।अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव के दौरान, प्रज्ञा ठाकुर ने दावा किया था कि करकरे ने उस समय अत्याचार किया था जब वह उनकी हिरासत में थीं और साल 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमले के दौरान उनके ‘श्राप’ के कारण उसकी मौत हो गई थी। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा थाप्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि उन्होंने करकरे को हिरासत में कथित धमकियों, यातनाओं के लिए श्राप दिया था। प्रज्ञा ने कहा था कि मैंने कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा। उनकी टिप्पणी के बाद देश भर में हंगामा मच गया। प्रज्ञा को माफी मांगनी पड़ी। उस वक्त निर्वाचन आयोग ने प्रज्ञा को नोटिस भी दी थी। इंद्रेश कुमार ने अपनी गलती (करकरे पर टिप्पणी) को महसूस करने के बाद प्रज्ञा ठाकुर के अपने बयान को सुधारने के लिए भोपाल के सांसद की सराहना की। इंद्रेश का मीडिया पर आरोपइंद्रेश कुमार ने कहा- लेकिन आप लोग (मीडिया) इस मुद्दे को बढ़ाते रहे और उस पर तीखे सवाल करते रहे। मैं कहना चाहता हूं कि उनके बयान को सही करने के बाद, आपको भी इस पर विचार करना चाहिए था। अगर इस प्रकरण में मीडिया की भूमिका के पीछे एक एजेंडा था, तो आश्चर्य होगा।महाराष्ट्र एटीएस ने मालेगांव बम धमाकों के मामले में ठाकुर और कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि वे एक हिंदू चरमपंथी समूह का हिस्सा थे जिसने विस्फोट किया था। वह इस मामले की मुख्य आरोपी हैं। फिलहाल प्रज्ञा ठाकुर जमानत पर बाहर हैं और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवाद के आरोपों का सामना कर रही है। Post Views: 199