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ED की बड़ी कार्रवाई: एबीजी शिपयार्ड बैंक धोखाधड़ी मामले में ऋषि कमलेश अग्रवाल के 24 ठिकानों पर छापेमारी!

नयी दिल्ली: एबीजी शिपयार्ड बैंक लोन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से महाराष्ट्र मुंबई, पुणे और गुजरात के सूरत समेत करीब 24 स्थानों पर छापेमारी की जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कंपनी के प्रमोटर ऋषि कमलेश अग्रवाल के घर और कार्यालयों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई.
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित तौर पर 22,842 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में मंगलवार को मुंबई, पुणे और सूरत में कई परिसरों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत संघीय एजेंसी इन शहरों में 26 परिसरों की तलाशी ले रही है. ईडी ने पोत निर्माण कंपनी के पूर्व प्रवर्तकों के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद फरवरी में धन शोधन का मामला दर्ज किया था.

CBI ने एबीजी शिपयार्ड के संचालकों के खिलाफ दर्ज किया था मामला
सीबीआई ने ‘एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड’ और उसके तत्कालीन अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ बैंकों के एक कंसोर्टियम को 22,842 करोड़ रुपये से अधिक का धोखा देने के आरोप में मामला दर्ज किया था. एजेंसी ने कंपनी के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को भारतीय दंड विधान (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के कथित अपराधों के लिए नामित किया था.

मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने पहले ही बताया था कि गुजरात की एबीजी शिपयार्ड के बैंक खाते को 30 नवंबर 2013 को ही एनपीए घोषित कर दिया गया था. सीबीआई ने कहा था कि एजीबी शिपयार्ड की ओर से ज्यादातर लोन 2005 से 2012 के दौरान लिये गए थे.