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Ghatkopar Hoarding Collapse: ‘खूनी होर्डिंग’ ने १४ लोगों की जान!

40 फीट के बजाए 120 फीट की होर्डिंग लगाई…8 पेड़ों को जहरीला इंजेक्शन लगा सूखाया!

मुंबई, (राजेश जायसवाल): मुंबई के घाटकोपर इलाके में सोमवार को आये भीषण आंधी-तूफान के चलते पेट्रोल पंप के पास लगी होर्डिंग गिरने से 14 लोगों की मौत हो गई है और 74 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे के बाद होर्डिंग मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। वहीँ, इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे भी हो रहे हैं। पुलिस की जांच में पता चला है कि घाटकोपर इलाके में पेट्रोल पंप के पास लगी होर्डिंग अवैध थी। इस बात की जानकारी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) अधिकारियों को पहले से थी।

दिलचस्प बात यह है कि जिस होर्डिंग के गिरने से यह दर्दनाक हादसा हुआ, उसका नाम ‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज है। इसे मुंबई की सबसे बड़ी होर्डिंग के तौर पर ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज किया गया था! पूरे मुंबई शहर में इससे बड़ी होर्डिंग कहीं पर भी नहीं लगी थी।

बीएमसी के मुताबिक, 40X40 फीट की होर्डिंग लगाने की अनुमति दी गई थी। सोमवार को हुए हादसे के बाद यह बात सामने आई है कि होर्डिंग का आकार 120X120 फीट का था। साथ ही इस मामले में ये भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि होर्डिंग को दिखाने के लिए आसपास के कई पेड़ों को जहरीला इंजेक्शन देकर उसे सुखा दिया गया था।

पुलिस को जांच में पता चला कि दिसंबर 2023 में महानगरपालिका के वृक्ष संरक्षण विभाग ने नियमों का उल्लंघन करने के लिए होर्डिंग का रखरखाव और प्रबंधन करने वाली एजेंसी ‘ईगो मीडिया’ के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की थी। बीएमसी अधिकारियों ने दो हफ्ते पहले अप्रैल में पुलिस से संपर्क किया था। पुलिस ने मामले में शिकायत भी दर्ज की थी। पुलिस को मिली शिकायत में कहा गया था कि अवैध होर्डिंग के पास लगे पेड़ अचानक सूखकर खत्म हो गए। इसके पीछे किसी की साजिश है?

बीएमसी ने बताया कि ईस्टर्न एक्सप्रेसवे पर पेड़ों के गिरने की दो अलग-अलग घटनाएं हुईं हैं। पहली घटना पिछले साल दिसंबर महीने में हुई थी। इसी साल अप्रैल में एक ऐसी ही घटना सामने आई थी। जांच में पता चला कि इन पेड़ों की जड़ों में छेद कर उनमें जहर डाला गया था। पता चला कि ये प्रयोग इसलिए किया गया था ताकि सूखे पेड़ों को काटा जा सके। मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त भूषण गगरानी ने बताया कि बड़ी होर्डिंग्स लोगों को दूर से दिखे, इसके लिए छेड़ा नगर जंक्शन क्षेत्र में आठ पेड़ों को जहर दिा गया था। इस संबंध में बीएमसी ने पुलिस में केस भी दर्ज कराया था।

वैसे तो मुंबई शहर में इस तरह की छोटी-बड़ी विज्ञापन की कई होर्डिंग लगी हैं। आरोप है कि इनको लगाने को लेकर जो मानक तय किए गए हैं, उनको पूरा नहीं किया जाता है।जिससे जब आंधी-तूफान आता है तो ये कभी रास्ते पर तो कभी घरों पर गिर जाती हैं। घाटकोपर में सोमवार शाम हुए होर्डिंग हादसे ने भी कई सवाल खड़े किए हैं। पहला तो ये कि जब होर्डिंग लगाने के लिए 40 फीट की परमिशन दी गई थी तो 120 फीट की होर्डिंग क्यों लगाई गई?

..तो पेट्रोल पंप पर लग सकती थी आग!
होर्डिंग को खुली जगह पर लगाने के बजाए एकदम भीड़-भाड़ वाली जगह पर क्यों लगाया गया, पेट्रोल पंप के पास होर्डिंग को लगाते समय ये ध्यान में क्यों नहीं रखा गया कि अगर कभी हादसा होता है तो पेट्रोल पंप पर आग भी लग सकती है! गनीमत रही कि कल हादसे के बाद आग नहीं लगी। कुल मिलाकर इस होर्डिंग को लगाते समय कई तकनीकी बातों की अनदेखी गई, जो बीएमसी और रेलवे विभाग और विज्ञापन कंपनी को कटघरे में खड़ा करती है।

बीएमसी, रेलवे और एगो मीडिया कंपनी पर FIR दर्ज
फिलहाल, मंबई पुलिस प्रशासन, मुंबई महानगरपालिका (BMC), रेलवे विभाग आदि मामले की जांच कर रहे हैं। पेट्रोल पंप पर जो होर्डिंग गिरा, उसका क्षेत्रफल 1583 वर्ग मीटर था। इस घटना के संबंध में मुंबई महानगरपालिका, रेलवे विभाग और विज्ञापन कंपनी ‘एगो मीडिया’ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक, जिस जमीन पर होर्डिंग लगाई गई है, वह जमीन कलेक्टर और महाराष्ट्र सरकार पुलिस हाउसिंग वेलफेयर कॉर्पोरेशन के कब्जे में है।

विज्ञापन कंपनी ने रेलवे से नहीं ली थी एनओसी
मुंबई रेलवे के पुलिस आयुक्त से एसीपी द्वारा चार होर्डिंग्स की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि होर्डिंग लगाने से पहले संबंधित एड़ कंपनी द्वारा रेलवे विभाग से कोई आधिकारिक अनुमति या एनओसी नहीं ली गई थी।फिलहाल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही मृतकों के परिजनों को 5 -5 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है।

तीन अन्य होर्डिंग को हटाने का नोटिस जारी
वहीं, अब सोमवार को दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस और बीएमसी का विभाग एक फिर कुम्भकर्णी नींद से जग गया है। मुंबई महानगरपालिका ने होर्डिंग का प्रबंधन करने वाली कंपनी एगो मीडिया और उसके मालिक भावेश भिड़े के खिलाफ पंतनगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया है। मुंबई महानगरपालिका ने इस मीडिया संस्थान के तीन अन्य होर्डिंग हटाने का नोटिस जारी किया है। इसके तुरंत बाद तीन होर्डिंग हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इसके साथ ही जीआरपी कमिश्नर रवींद्र शिसवे ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत मामले की जांच करने का आदेश दे दिया है। रेलवे की जमीन पर होर्डिंग्स लगाने की अनुमति कब और किसके द्वारा दी गई है? नियमों का पालन हुआ या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।

छगन भुजबल की मांग, दोषियों को मिले कड़ी सजा
इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई, लेकिन राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की वजह से सियासत भी गरमा गई है। बीजेपी ने इस मामले को लेकर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार ठहराया है। किरीट सोमैया, बीजेपी विधायक रामकदम ने होर्डिंग के साथ कंपनी के मालिक भावेश भिड़े और उद्धव ठाकरे की फोटो शेयर की। अब इस मामले में उद्धव ठाकरे के पक्ष में उनकी पार्टी से नहीं बल्कि एनडीए में शामिल एनसीपी नेता छगन भुजबल सामने आ गए हैं।
छगन भुजबल ने कहा कि राज्य में सरकार हमारी है। मुंबई नगर निगम भी इस समय हमारा है, तो उस जमाखोरी मामले का उद्धव ठाकरे से क्या लेना-देना है? कई लोग राजनीतिक नेताओं से मिलने आते हैं। व्यापारी सबके पास आते हैं। वे मिठाइयां लाते हैं और तस्वीरें खिंचवाते हैं। इस हादसे से उद्धव ठाकरे का इससे कोई लेना-देना नहीं है।भुजबल ने कहा कि इस मामले में राजनीति करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
भुजबल ने आगे कहा कि मुंबई में एयरपोर्ट के रास्ते में ऐसे कई होर्डिंग देखने को मिलते हैं। इनका वजन भी बहुत होता है, ये सभी अवैध हैं। इन सभी होर्डिंग्स की जांच होनी चाहिए। अब सभी प्रशासनिक संस्थाओं को कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है।लापरवाही के कारण जो राहगीर मरे, उनका गुनाह क्या था? क्या सरकार के 5 लाख देने से ये सब खत्म हो जाएगा? इस मामले की जांच होनी चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए। होर्डिंग का आकार जितना होना चाहिए उससे कहीं ज्यादा बड़ा था।