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J&K: राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले- चुनाव आने दो, 370 के हिमायती नेताओं को लोग जूतों से पीटेंगे…

श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने आर्टिकल 370 हटाए जाने का विरोध कर रहे विपक्ष के नेताओं को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। मलिक ने बुधवार को श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जब देश में चुनाव आएगा तो इन नेताओं के विरोधियों को कुछ कहने की जरूरत नहीं होगी, वे अगर कहेंगे कि ये (विपक्ष के नेता) 370 के हिमायती हैं तो लोग इन्हें जूतों से मारेंगे। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- मैं उनके लिए कुछ नहीं कहना चाहता। वह एक प्रतिष्ठित परिवार का हिस्सा है। मगर कश्मीर मुद्दे पर उसने राजनीतिक तौर पर अपना बचपना जाहिर किया है। यही कारण है कि उनके बयानों का हवाला पाकिस्तान ने यूएन को भेजी अपनी चिट्ठी में दिया है।
उन्होंने आगे कहा, अगर वह लीडर होते तो जिस वक्त उनकी पार्टी का नेता (अधीर रंजन चौधरी) कश्मीर के सवाल को यूएन से जोड़ रहा था, तब राहुल को उसे डांटना चाहिए था और बैठाकर बयान देना चाहिए था। उनका तो कश्मीर पर स्टैंड भी नहीं साफ है। राज्यपाल ने कहा, मैं आपको बता दूं कि जिस वक्त देश में चुनाव आएगा, तब इनके विरोधी को कुछ करने की जरूरत नहीं होगी। वे बस कह देंगे कि ये 370 के हिमायती हैं, लोग जूतों से मारेंगे।
बता दें कि इससे पहले कश्मीर आकर हालात का जायजा लेने को लेकर भी राहुल गांधी और गवर्नर सत्यपाल मलिक के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी। हालांकि पिछले हफ्ते विपक्ष के नेताओं के साथ कश्मीर गए राहुल गांधी को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस लौटा दिया गया था।

जो जेल जाएंगे, वे नेता बनेंगे: मलिक
उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं की नजरबंदी से जुड़े सवाल के जवाब में गवर्नर मलिक ने कहा कि नेता हैं तो जेल जाएंगे ही और वे इसका राजनीतिक फायदा भी उठाएंगे। उन्होंने कहा, क्या आप नहीं चाहते कि वे नेता बनें? मैं 30 बार जेल गया हूं। जो जेल जाएंगे, वे नेता बनेंगे। उन्हें अभी वहां रहने दीजिए। जब चुनाव आएंगे तो वे कहेंगे कि मैं 6 महीने जेल रहा, मैं इतने समय जेल में रहा।…वे इसका राजनीतिक फायदा उठाएंगे। उन्होंने कहा, इसलिए अगर आपको उनसे हमदर्दी है, तो उन्हें हिरासत में लेने से दुखी नहीं हों। वे सभी अपने घरों में हैं। मैं आपातकाल के दौरान फतेहगढ़ जेल में था जहां पहुंचने में दो दिन लगते थे। अगर किसी मुद्दे पर किसी को हिरासत में लिया जाता है और उसकी मर्जी है तो वह राजनीतिक लाभ लेगा। फारूक अब्दुल्ला अपने घर में हैं, जबकि उनके बेटे उमर हरि निवास में हैं। वहीं महबूबा मुफ्ती को चश्मेशाही में रखा गया है।