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LPG के ढेर पर LTT…! इन फेरीवालों पर कब होगी कार्रवाई?

स्थानीय प्रशासन उड़ा रहा हाई कोर्ट के आदेशों की धज्जियां;

नो पार्किंग जोन में अनाधिकृत फेरीवालों का कब्जा…!

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के बाद सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन, जिसे वर्तमान में लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) इसके पूर्व में कुर्ला टर्मिनस के नाम से जाना जाता था। यहां रेलवे स्टेशन के बाहर सामने की सड़क और फुटपाथ पर अनाधिकृत फेरीवालों का कब्जा, टर्मिनस पर जाने-आने वाले यात्रियों समेत शहर के नागरिकों के लिए काफी परेशानी का सबब बन रहा है। जिसे लेकर रेल यात्रियों का कहना है कि संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसका स्थायी हल निकालना चाहिए, जिससे भविष्य में जानमाल का खतरा न पैदा हो।

File Photo
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बता दें कि कोरोना काल में पूरे भारत में सबसे ज्यादा लोग इसी रेलवे स्टेशन से अपने-अपने गांव पहुंचे थे। दरअसल, ये फेरीवाले स्टेशन के बाहर सड़क और फुटपाथों पर लाइन से ठेले-खोमचे के अलावा यहां स्थायी रूप से होटल व रेस्टोरेंट जैसे टेबल-कुर्सियां लगाकर लोगों को खाना भी खिलाते हैं। बरसात शुरू होते ही ये फेरीवाले बड़े-बड़े तिरपाल और प्लास्टिक लगाकर पूरी सड़क को अपने कब्जे में ले लिया है, जिससे पैदल चलने वालों यात्रियों समेत अन्य नागरिकों को घोर परेशानी का सामना करना पड़ना रहा है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वड़ा पाव, भजिया और चाय नाश्ता से लेकर खाना बनाने तक ये दुकानदार खुलेआम सड़क पर ही बिना किसी वैध लाइसेंस के धड़ल्ले से घरेलू और कॉमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर का उपयोग कर किसी भी अप्रिय घटना को दावत दे रहे हैं और संबधित विभाग के अधिकारी अपनी जेबें गर्म करके आंखे मूंदकर निकल जाते हैं।
कई स्थानीय निवासियों से बात करने पर उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में एलटीटी स्टेशन के बाहर मुख्य मार्ग पर अवैध फेरीवालों का कब्जा बेहद खरनाक साबित होने लगा है। यहां कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है। यहां का भयानक मंजर देखकर डर लगने लगा है। रेलवे के साथ अग्निशमन विभाग और पुलिस को इस पर तत्काल एक्शन लेना चाहिए। नहीं तो भविष्य में इसके कारण कोई दुर्घटना होती है तो राज्य सरकार को जिम्मेदार लेनी होगी।

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गौरतलब है कि मई महीने में ही लोकमान्य तिलक टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर स्थित एक भोजनालय में भीषण आग भड़की थी। सबसे दिलचप्स बात यह है स्टेशन के बाहरी परिसर में रोजाना कुकुरमुत्ते जैसे अनाधिकृत फेरीवालों फैलते जा रहे हैं। यहां चाय-पान की दुकानों पर महाराष्ट्र में प्रतिबंधित हर वो मादक पदार्थ बेचे जा रहे हैं, जिसे सरकार ने पूरी तरह से अवैध करार दिया है। जिसे लेकर रेलवे व स्थानीय पुलिस के अलावा बीएमसी और अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) अधिकारियों की मिलीभगत का पता चलता है। इनके संरक्षण में चल रहा ये गोरखधंदा आमजनों समेत युवा पीढ़ी को भी नशे का शिकार बना रही है। खुलेआम इन दुकानों पर प्रतिबंधित गुटखा और पान मसाला बेचा जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि मुंबई पुलिस और एफडीए शहरभर में छापेमारी करती है तो यहां क्यों नहीं? वैसे स्थानीय सूत्रों का दावा है कि इनकी मिलीभगत से ही इतनी बड़ी तादात में अनाधिकृत फेरीवालों का धंधा जोरों से फल-फूल रहा है।

इन दो राज्यों में सरकार ने उठाया बड़ा कदम
बता दें कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जहां सरकार ने पान मसाला और तंबाकू के पाउच की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया दिया है। अधिसूचना पहले जारी की गई थी अब यह आदेश १ जून से लागू हो गया है। दूसरा राज्य है तेलंगाना। जहां रेवंत रेड्डी सरकार ने २४ मई से गुटखा और पान मसाला समेत तंबाकू और निकोटीन युक्त के प्रोडक्ट्स के निर्माण और बिक्री पर पूरा प्रतिबंध लगा दिया है।