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टैक्सपेयर्स के लिए खुशखबरी: आईटीआर में नहीं देनी होगी यह अहम जानकारी

नयी दिल्ली: करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न फॉर्म में बड़े मूल्य के लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं देनी होगी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। घटनाक्रम से जुड़े अधिकारिक सूत्रों ने एक सवाल के जवाब में कहा, आयकर रिटर्न फॉर्म में बदलाव का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। अधिकारियों से इस संबंध में आई कुछ रिपोर्टों के बारे में पूछा गया था। इन रिपोर्टों के मुताबिक 20,000 रुपये से अधिक के होटल भुगतान, 50,000 रुपये से अधिक के जीवन बीमा प्रीमियम भुगतान, 20,000 रुपये से अधिक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान, स्कूल या कॉलेज को साल में एक लाख रुपये से अधिक का अनुदान इत्यादि जैसे वित्तीय लेनदेन की जानकारी देने के लिए रिटर्न फॉर्म का विस्तार किए जाने का प्रस्ताव है।

सूत्रों ने कहा कि वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी का विस्तार किए जाने का मतलब होगा कि आयकर विभाग को इस प्रकार के ऊंचे मूल्य वाले लेनदेन की जानकारी वित्तीय संस्थान देंगे। आयकर कानून के हिसाब से केवल तीसरा पक्ष ही इस तरह के लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को देता है। आयकर विभाग उस जानकारी के आधार पर यह जांच करता है कि अमुक व्यक्ति ने अपना कर सही से चुकाया है या नहीं। इस जानकारी का उपयोग ईमानदार करदाताओं की जांच के लिए नहीं होता।

ITR फॉर्म में बदलाव का प्रस्ताव नहीं
एक अधिकारी ने कहा, आयकर रिटर्न फॉर्म में किसी तरह के बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है। करदाता को आयकर रिटर्न फॉर्म में उसके ऊंचे मूल्य के लेनदेन की जानकारी देने की आवश्यकता नहीं है।अधिकारियों ने कहा कि अधिक मूल्य के लेनदेन के माध्यम से करदाताओं की पहचान करना एक बिना दखल वाली प्रक्रिया है। इसके तहत ऐसे लोगों की पहचान की जाती है जो कई तरह का सामान खरीदने में बड़ा धन खर्च करते हैं और उसके बावजूद आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते या फिर अपनी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम दिखाते हैं। ऐसे खर्चो में बिजनेस श्रेणी की हवाई यात्रा, विदेश यात्रा, बड़े होटलों में काफी पैसा खर्च करना और बच्चों को महंगे स्कूल में पढ़ाना इत्यादि शामिल है।

बड़े लेन-देन के लिए पहले से है प्रावधान
वित्त मंत्रालय सूत्रों ने कहा कि आयकर कानून में पहले से ही ऊंचे लेनदेन के लिए पैन संख्या या आधार संख्या देने का प्रावधान किया गया है। इस तरह के ऊंचे लेनदेन के बारे में संबंधित कंपनी या तीसरा पक्ष आयकर विभाग को सूचित करता है। यह प्रावधान मुख्य तौर पर कर आधार को व्यापक बनाने के उद्देश्य से किया गया है। सूत्रों का कहना है, यह सच्चाई सबके सामने है कि भारत में लोगों का एक छोटा वर्ग ही कर का भुगतान करता है, और वह सब लोग जिन्हें कर का भुगतान करना है वास्तव में कर नहीं चुका रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि ऐसे में आयकर विभाग को कर प्राप्ति क लिये स्वैच्छिक कर अनुपालन पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में तीसरे पक्ष से जुटाई गई वित्तीय लेनदेन का ब्योरा ही बिना किसी हस्तक्षेप के कर अपवंचकों का पता लगाने का सबसे प्रभावी तरीका है।

देश में टैक्स मामलों की सबसे बड़ी संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा है कि जो लोग आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं उनके लिए पैन कार्ड (PAN Card) को आधार (Aadhaar) से जोड़ना जरूरी है। दरअसल, आयकर (Income Tax) विभाग ने लिंकिंग की आखिरी तारीख अगले साल 31 मार्च तक बढ़ा दी है। पहले ये 30 जून थी, जिसे बाद में बढ़ाया गया है। आयकर विभाग कह चुका है जिन लोगों के आधार और पैन लिंक नहीं होंगे, उन्हें आयकर अधिनियम के हिसाब से नतीजे भुगतने पड़ेंगे। इस बीच ये जरूरी है कि एक बार आप खुद चेक कर लें कि आपका पैन कार्ड, आधार कार्ड से लिंक हो गया है या नहीं। हम बता रहे हैं आपको बेहद आसान तरीका…

लिंकिंग चेक करने का ये है आसान तरीका

  1. इसके लिए आपको incometaxindiaefiling.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा
  2. आपको बाईं ओर ‘Quick Links’ का ऑप्शन दिखेगा
  3. यहां आप ‘Link Aadhaar’ पर क्लिक करें
  4. पेज खुलते ही चेक करें अगर आपने पहले लिंकिंग के लिए कोई आवेदन किया है या नहीं
  5. अब ये आपको दूसरे पेज पर ले जाएगा
  6. अब यहां पैन कार्ड संख्या और आधार कार्ड नंबर डालें
  7. अब View Link Aadhaar Status पर क्लिक करें

जानकारी डालने के बाद ही आपको पैन कार्ड और आधार कार्ड के लिंक के बारे में जानकारी मिल जाएगी।