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Manohar Joshi passes Away: नहीं रहे ‘सर’ मनोहर जोशी; 86 की उम्र में ली अंतिम सांस! हार्ट अटैक के बाद दो दिनों से ICU में थे भर्ती

मुंबई,(राजेश जायसवाल): पूर्व लोकसभा स्पीकर और अविभाजित शिवसेना के पहले मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का शुक्रवार तड़के मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। मनोहर जोशी 86 वर्ष के थे और बीते काफी समय से अस्पताल में भर्ती थे। बुधवार को हार्ट अटैक के बाद उन्हें हिंदुजा अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था। आज सुबह 3 बजकर 2 मिनट पर उनका निधन हो गया।
मनोहर जोशी, शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के बहुत करीबी थे और शिवसेना के गठन में उनकी अहम भूमिका थी। हालांकि, मनोहर जोशी ने कुछ साल पहले उद्धव ठाकरे की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी, जिसके बाद वे शिवसेना की राजनीति में हाशिए पर चले गए थे। उन्होंने एक शिक्षक से लोकसभा स्पीकर बनने तक का सफर तय किया था।

उनका पार्थिव शरीर दादर-माटुंगा रूपारेल कॉलेज के पास स्थित उनके निवास पर सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक आखिरी दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 2 बजे के बाद दादर शमशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार होगा। अस्पताल ने एक बयान में बताया था कि लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी को बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी हालत गंभीर थी।

बालासाहेब ठाकरे के सबसे भरोसेमंद नेता थे जोशी
शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के सबसे भरोसेमंद नेताओं में एक थे मनोहर जोशी। बालासाहेब ठाकरे ने कहा था कि वो सीएम नहीं बनेंगे, यही कारण था कि उन्होंने अपने सबसे करीबी मनोहर जोशी को सीएम बनाया था।

लोकसभा स्पीकर भी बने मनोहर जोशी
सीएम बनने के बाद जोशी को साल 2002 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान 10 मई, 2002 को उन्हें सर्वसम्मति से लोकसभा स्पीकर भी बनाया गया था। वे 4 जून, 2004 तक इस पद पर बने रहे। उस समय शिवसेना और भाजपा में गठबंधन था।

मनोहर जोशी का राजनीतिक करियर
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के नान्दवी में 2 दिसंबर,1937 को जन्में, श्री जोशी ने मुंबई में शिक्षा पाई। वे विधि में स्नातक हैं और कला में स्नातकोत्तर हैं तथा मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषा में प्रवीण हैं। श्री जोशी का विवाह श्रीमती अनाघा मनोहर जोशी से हुआ है। उनके एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं।

श्री जोशी ने अपना पेशा एक अध्यापक के रूप में आरंभ किया और वर्ष 1967 में राजनैतिक क्षेत्र में पदार्पण किया। शिवसेना के साथ उनका संबंध चार दशकों पुराना है। मुंबई शहर और इसके लोगों का कल्याण सदैव ही श्री जोशी की स्थाई चिंता का विषय रहा है। वे वर्ष 1968-70 के दौरान मुंबई के निगम पार्षद रहे और 1970 में स्थाई समिति (नगर निगम) के सभापति रहे। उन्होंने वर्ष 1976-77 के दौरान मुंबई के मेयर पद को सुशोभित किया। वे कुछ समय तक अखिल भारतीय मेयर परिषद् के चेयरमैन भी रहे। मुंबई शहर के साथ उनके घनिष्ठ संबंध और विभिन्न विकासात्मक मुद्दों पर उनकी पकड़ ने उनके राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने के पश्चात् आगामी वर्षों में मुंबई के हित का प्रबल रूप से समर्थन करने में उनकी सहायता की।

साल 2020 में हुआ था पत्नी का निधन
मनोहर जोशी की पत्नी अनघा जोशी थीं, जिनका निधन साल 2020 में 75 साल की उम्र में हो गया था। मनोहर जोशी के परिवार में एक बेटे और दो बेटियां हैं। मनोहर जोशी के राजनीतिक करियर की शुरुआत आरएसएस के साथ हुई थी, लेकिन बाद में वे शिवसेना में शामिल हो गए थे और करीब चार दशकों तक शिवसेना के साथ जुड़े रहे। 1980 के दशक में मनोहर जोशी, शिवसेना के कद्दावर नेताओं में से एक बनकर उभरे थे और पार्टी संगठन पर अपनी पकड़ के लिए जाने जाते थे। साल 1995-1999 तक मनोहर जोशी अविभाजित शिवसेना के पहले मुख्यमंत्री रहे। मनोहर जोशी 1999 में हुए आम चुनाव में मुंबई की नॉर्थ-सेंट्रल लोकसभा सीट से चुनकर संसद पहुंचे और बाद में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी काम किया। मनोहर जोशी के निधन पर उन्हें पीएम मोदी से लेकर तमाम बड़े राजनेता सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनके निधन की खबर से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

पीएम मोदी ने मनोहर जोशी के निधन पर शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जोशी ने स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाते हुए महाराष्ट्र की प्रगति के लिए अथक प्रयास कियाहे। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा- मनोहर जोशी जी के निधन से दुखी हूं….वह एक अनुभवी नेता थे।

परिवार के मुखिया की तरह उनका सदैव मार्गदर्शन मिलता रहा: गडकरी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने X पर लिखा- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी सर के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुःख हुआ। सर के निधन से महाराष्ट्र की राजनीति का सभ्य चेहरा खो गया है। हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो बेहद विनम्र, हाजिर जवाबी और महाराष्ट्र के साथ-साथ मराठी मानुष के प्रति भावुक था। गठबंधन सरकार के दौरान मुझे जोशी सर के नेतृत्व में काम करने का मौका मिला। परिवार के मुखिया की तरह उनका सदैव मार्गदर्शन मिलता रहा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति दे।
-ओम शांति!

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी जताया शोक
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोशल मीडिया X पर लिखा- पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ राजनेता श्री मनोहर जोशीजी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। लोकतांत्रिक मूल्यों को समृद्ध बनाते हुए उन्होंने श्रेष्ठ संसदीय परंपराएं स्थापित कीं। सदन के संचालन की विशिष्ट और निष्पक्ष शैली के कारण उन्हें सभी दलों के नेताओं का सम्मान प्राप्त था।