चुनावी हलचलब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य NCP के 52 और 5 निर्दलीय नगरसेवकों ने लिया BJP में प्रवेश करने का निर्णय…! 30th July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this गणेश नाईक के भाजपा में प्रवेश लेने की स्थिति में बेलापुर विधानसभा पर कोई खतरा नहीं : भाजपा विधायक मंदाताई म्हात्रे राकांपा के कद्दावर नेता गणेश नाईक की भी भाजपा में शामिल होने की चर्चा मुंबई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अब तक के इतिहास में सबसे बड़ा झटका पार्टी को नवी मुंबई में लगने वाला है।सूत्रों और शहर में लगातार बदलती राजनीतिक स्थितियों से यह संकेत मिल रहे हैं कि नवी मुंबई में राकांपा शिखर से जल्द ही शून्य पर आने वाली है। सोमवार को संपन्न हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में राकांपा के 52 व 5 निर्दलीय सहित 57 नगरसेवकों ने भाजपा में प्रवेश का निर्णय ले लिया है। यह बैठक महापौर निवास पर हुई है। हालांकि इस बैठक में गणेश नाईक परिवार की तरफ से कोई भी शामिल नहीं था।बैठक के बाद राकांपा के नवी मुंबई अध्यक्ष अनंत सुतार ने कहा कि बैठक में हम सभी ने सामूहिक रूप से राकांपा से भाजपा में जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बैठक में लिए गए निर्णय से राकांपा नेता गणेश नाईक को अवगत कराएंगे। इसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।बता दें कि राकांपा के कद्दावर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री गणेश नाईक व उनके समर्थकों के भाजपा में जाने की अफवाह पिछले कई दिनों से चल रही है। उनके साथ नवी मुंबई मनपा में राकांपा और उनके समर्थक निर्दलीय नगरसेवकों सहित 57 नगरसेवकों का पूरे दल के भी अपने नेता के साथ जाने की खबरें भी आ रही हैं। सोमवार की दोपहर एक बजे से चार बजे तक महापौर निवास में राकांपा और उनके समर्थक निर्दलीय नगरसेवकों को मिलाकर करीब 50 नगरसेवकों की एक बैठक हुई। इस बैठक के बाद खुले तौर पर कह दिया गया कि हम सभी ने एक साथ मिलकर राकांपा छोड़कर भाजपा में जाने का निर्णय ले लिया है।यदि गणेश नाईक नवी मुंबई मनपा के अपने समर्थक नगरसेवकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा में चले गए तो राकांपा के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा झटका होगा। गणेश नाईक के साथ उनके विधायक बेटे संदीप नाईक के भी भाजपा में जाने के संकेत मिले हैं। सूत्रों का कहना था कि गणेश नाईक ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है। कहा जा रहा है कि वह नवी मुंबई की बेलापुर व ऐरोली दोनों विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा चाहते हैं। यहां पेंच यह है कि बेलापुर से भाजपा की मंदाताई म्हात्रे विधायक हैं। मंदाताई म्हात्रे पहले राकांपा में ही थीं और कथित तौर पर गणेश नाईक से परेशान होकर ही वह राकांपा छोड़ भाजपा में शामिल हुईं थीं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने गणेश नाईक को बुरी तरह से हरा भी दिया था।पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर बेलापुर से चुनी गईं भाजपा विधायक मंदाताई म्हात्रे ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में उन्हें और उनकी बेलापुर विधानसभा सीट पर गणेश नाईक के भाजपा प्रवेश लेने की स्थिति में भी कोई खतरा नहीं रहेगा। उन्होंने नवी मुंबई मनपा में राकांपा और कई निर्दलीय नगरसेवकों सहित 57 नगरसेवकों के भाजपा प्रवेश की संभावना का स्वागत किया और कहा कि अच्छा है कि उनके आने से नवी मुंबई मनपा में भाजपा की सत्ता आ जाएगी। बीते दिनों एनसीपी की मुंबई इकाई के प्रमुख सचिन अहीर ने पार्टी छोड़ शिवसेना का दामन थाम लिया था। तब से वह पद खाली पड़ा है। नए मुंबई अध्यक्ष का नाम अब तक सामने नहीं आ सका है। माना जा रहा है कि पार्टी के अंदर ही नामों को लेकर विवाद है। महाराष्ट्र राकांपा के उपाध्यक्ष व पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक के नाम की चर्चा थी, लेकिन उनके नाम का पार्टी के अंदर ही विरोध है। बताया जा रहा है कि पार्टी का एक वर्ग मराठी चेहरा देने की मांग कर रहा है। दूसरी ओरऐसा कहा जा रहा था कि युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे के वरली से विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना के चलते बीजेपी ने अहीर और सेना में समझौता कराया है। वहीं, शरद पवार के करीबी माने जाने वाले मधुकर पिचाड़ के अपने बेटे वैभव के साथ बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। एनसीपी के कद्दवार नेता गणेश नाइक पर भी उनके समर्थक बीजेपी में शामिल होने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि, नाइक ने एनसीपी छोड़ने की संभावना से साफ इनकार किया है। दूसरी ओर, इसे लेकर एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने सत्ताधारी पार्टी पर ईडी, सीबीआई और एसीबी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि यह संसदीय प्रजातंत्र पर हमला है। दल-बदलुओं से बीजेपी की सहयोगी शिवसेना नाखुशमहाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो रहे दल-बदलुओं से बीजेपी की सहयोगी शिवसेना खुश नहीं है। सोमवार को सामना में शिवसेना ने इसे लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने बीजेपी में शामिल हो रहे कांग्रेस और एनसीपी नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि इनका बीजेपी की विचारधारा से कोई संबंध नहीं है। सेना ने कहा कि वे सिर्फ अपने हितों के संरक्षण के लिए बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि यह स्वार्थ का संरक्षण है। सामना ने आगे टिप्पणी की है कि हम चूहों और मेंढकों का पार्टी में स्वागत करने का इरादा नहीं रखते बल्कि हम शिवसेना में जहाज के जांबाज कप्तानों का स्वागत करने की मंशा रखते हैं। Post Views: 183