Uncategorisedब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य ‘PM OFFICE’ का कार्ड दिखाया, ट्रैफिक पुलिस ने काटा चालान, कार्ड भी निकला फर्जी 29th May 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, कुछ लोग आज भी सोच लेते हैं कि किसी भी बड़े मंत्रालय या मंत्री के नाम से कुछ भी फर्जी काम करेंगे, तो बच जाएंगे। पर ऐसा होता नहीं है। मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने भीमबहादुर सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसके पास से एक आईकार्ड मिला, जिसमें लिखा हुआ था कि यह प्रधानमंत्री ऑफिस से जारी हुआ। जांच में पता चला कि यह आईकार्ड पूरी तरह से फर्जी है।इस मामले में एसीपी विनायक वस्त ने बताया कि 15 मई को साकीनाका इलाके के ट्रैफिक सिपाही मनोहर भूसरे ने गलत पार्किंग में खड़े कई दुपाहिया वाहनों को उठा लिया। इनमें एक सुजुकी ऐक्सेस भी थी, जो फुटपाथ पर खड़ी हुई थी। उसी दौरान भीमबहादुर सिंह आया। उसने खुद को पुलिस विभाग से जुड़ा बताया और एक आईकार्ड दिखाया, जिस पर ‘ऐंटि करप्शन’ लिखा हुआ था। लेकिन ट्रैफिक सिपाही पर इस आईकार्ड का कोई असर नहीं पड़ा। उसने भीमबहादुर सिंह से कहा कि आपका वाहन फुटपाथ पर खड़ा था। आपको जुर्माना भरना ही पड़ेगा। यदि आपको कुछ कहना है, तो आप साकीनाका ट्रैफिक के इंस्पेक्टर संकपाल से मिलिए। भीमबहादुर ने किसी तरह जुर्माना तो भर दिया, लेकिन इससे उसका ईगो भी हर्ट हुआ। उसने उस दौरान सीनियर पुलिस अधिकारियों को जमकर अपशब्द कहे। शाम को वह फिर इंस्पेक्टर संकपाल से मिला। उसने पूछा कि उसे सिपाही मनोहर भूसरे के खिलाफ शिकायत करनी है। शिकायत की क्या प्रक्रिया रहेगी? यहां भी उसने खुद को पुलिस विभाग से जुड़ा बताया। इस पर संकपाल ने उससे उसका आईकार्ड दिखाने को कहा। आरोपी भीमबहादुर सिंह और उसका फर्जी कार्ड ID कार्ड निकला फर्जी भीमबहादुर ने जो कार्ड दिया, उस पर अंग्रेजी में लिखा था- ऐंटि करप्शन ऐंड ऐंटि क्राइम विंग ऑफ इंडिया। उससे पूछा गया कि यह कहां से जारी हुआ। जवाब में उसने कहा कि नई दिल्ली में प्रधानमंत्री ऑफिस से। कार्ड के पीछे ऐसा लिखा भी हुआ था। पर प्रारंभिक जांच में ही पुलिस समझ गई कि यह फर्जी है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि यह कार्ड कब बना या इसको बनवाने के पीछे का मकसद क्या था? क्या इस फर्जी कार्ड के जरिए उगाही की गई? ATM कार्ड से खुली पोल पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी का चांदिवली में म्हाडा कॉलोनी में घर है। वह खुद को ग्रेजुएट बताता है। लेकिन उसकी कोई स्थाई नौकरी या बिजनेस नहीं है। मुंबई पुलिस वालों का उस पर शक इसलिए भी गया कि जब उसे जुर्माना भरने को कहा गया, तो उसने कैश दिया। जवाब में पुलिस ने उससे डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने को कहा। लेकिन उसके पास अपना कार्ड ही नहीं था। बाद में उसने दोस्त के डेबिट कार्ड से पेमेंट किया। Post Views: 221