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एनसीपी नेता जयंत पाटिल बोले- गृहमंत्री देशमुख के इस्तीफे की कोई आवश्यकता नहीं

मुंबई: महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की आवश्यकता नहीं है। ये बात एनसीपी प्रदेशाध्यक्ष नेता जयंत पाटिल ने कहा। महाविकास आघाडी की बैठक के बाद जयंत पाटिल ने यह बयान दिया। बैठक में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार, मंत्री जयंत पाटिल, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भाग लिया।

जांच को भटकाने के लिए लिखी चिट्ठी
बैठक के बाद एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि जो भी दोषी है, कार्रवाई की जाएगी। पाटिल ने कहा, एटीएस और एनआईए जांच कर रहे हैं। राज्य सरकार इसकी सही जांच करेगी। कोई भी अधिकारी, चाहे वह कितना भी उच्च श्रेणी का क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि मुकेश अम्बानी एनआईए, विस्फोटकों की लदी कार और सचिन वाजे प्रकरण की जांच कर रही है।

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के पत्र के बारे में टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर जयंत पाटिल ने कहा, यह पत्र जांच को पटरी से उतारने के लिए है। अनिल देशमुख के इस्तीफे की कोई आवश्यकता नहीं है।

क्या है परमबीर सिंह का चिट्ठी बम
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था। चिट्ठी में परमबीर सिंह ने लिखा है, गृहमंत्री देशमुख ने सचिन वाझे को कई बार अपने बंगले पर बुलाया। फंड कलेक्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां मौजूद थे। मैंने इस मामले को डिप्टी चीफ मिनिस्टर और एनसीपी चीफ शरद पवार को भी ब्रीफ किया।

परमबीर के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद प्रदेश में राजनीतिक संकट जारी है। सियासी भूचाल के बीच महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे और आरोपों के निष्पक्ष जांच की मांग पर अड़ी है। इस बीच एनसीपी (NCP) मुखिया शरद पवार ने डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू की है। राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि शरद पवार महाराष्ट्र सरकार को संकट से निकालने की कोशिश में लगे हैं।
इससे पहले दिल्ली में रविवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पहली बार मामले में अपनी बात रखी। बता दें कि, अनिल देशमुख एनसीपी कोटे से उद्धव सरकार में गृहमंत्री हैं। शरद पवार भी एक तरह से देशमुख का बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लगाए आरोप गंभीर हैं, लेकिन उनके पास कोई सबूत नहीं हैं। अनिल देशमुख को पद से हटाए जाने के सवाल पर पवार ने कहा था कि इसका फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे।
इस बीच, शिवसेना के नेता भी अनिल देशमुख के बचाव में आ गए हैं। संजय राउत ने कहा है कि सरकार इस हिसाब से नहीं चलेगी कि भाजपा क्या चाहती है। सरकार अपने हिसाब से काम करेगी। इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को स्वीकार किया कि पूर्व सीपी परमबीर सिंह द्वारा गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों और सचिन वाझे प्रकरण के कारण राज्य सरकार की छवि को नुकसान हुआ है। इसके साथ ही राउत ने कहा कि सभी सहयोगी दलों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि उनके पैर जमीन पर हैं या नहीं। वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि परमबीर के आरोप झूठे हैं क्योंकि जिस समय उन पर 100 करोड़ रुपए उगाही की बात कही जा रही है, उस समय वे अस्पताल में कोरोना का इलाज करवा रहे थे।