चुनावी हलचलब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

मुंबई: राज ठाकरे से मिले भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल, बोले- मनसे प्रमुख के मन में उत्तर भारतीयों के लिए कोई कटुता नहीं!

मुंबई: महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (एमएनएस) चीफ राज ठाकरे से शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उनके निवास कृष्णकुंज जाकर मुलाक़ात की। महाराष्ट्र की सियासत में बीजेपी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को लेकर कई तरह की अटकलें बीते कुछ महीनों से छाई हुई थीं। हालांकि, अब इन अटकलों को और भी ज्यादा मजबूती मिली है।
मुलाकात के बाद पाटिल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मेरी राज ठाकरे से मुलाकात हुई। उन्होंने मुझे चाय पर घर बुलाया था। इस दौरान हमारी राजनीतिक बातें भी हुईं। मैंने उनसे कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन के लिए आपको उत्तर भारतीयों के प्रति अपना स्टैंड बदलना होगा। जिस पर उन्होंने कहा कि मेरे मन में उत्तर भारतीयों के लिए कोई द्वेष या कटुता नहीं है। मैं यूपी-बिहार में भी जाकर यही कहूंगा कि यहां के स्थानीय लोगों को नौकरी में 80 प्रतिशत वरीयता दी जाए।

चुनाव लड़ने पर कोई चर्चा नहीं!
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि कुछ दिनों पहले मैं और राज ठाकरे संयोग से नासिक शहर में थे। वहीं पर हमारी आकस्मिक मुलाकात हुई थी। तब उन्होंने मुझे घर पर चाय पीने का निमंत्रण दिया था। यह वही मुलाकात है। फ़िलहाल हमारी साथ में मिलकर चुनाव लड़ने के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है।

राज को बदलना होगा स्टैंड: पाटिल
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि हम बीते एक साल से यह बात कह रहे हैं कि जब तक राज ठाकरे अपना स्टैंड सार्वजनिक रूप से नहीं बदलते हैं, तब तक बीजेपी-मनसे के साथ आने का कोई सवाल ही नहीं
पैदा होता।

इसके पहले भी हो चुकी है ऐसी बातें
बता दें कि यदि मनसे और बीजेपी एक साथ जुड़ते हैं तो निश्चित महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव आएगा। हालांकि, यह कोई पहला मामला नहीं है जब बीजेपी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एक साथ आने की खबरें सुर्खियां बनी हैं। इसके पहले भी नितिन गडकरी और राज ठाकरे के बीच में वर्ली के एक होटल में मुलाकात हुई थी। तब गडकरी ने भी ऐसे ही संकेत दिए थे।

मनसे साथ आई तो क्या होगा?
महाराष्ट्र बीजेपी इन दिनों शिवसेना का तोड़ ढूंढने में जुटी हुई है। राज ठाकरे को अपने साथ मिलाकर बीजेपी, शिवसेना को जाने वाले मराठी वोट को बांटने की फिराक में है।
शिवसेना के साथ बढ़ती दूरियों को देखते हुए बीजेपी के लिए महाराष्ट्र में मनसे जैसी पार्टी का सपोर्ट काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। लेकिन मनसे को साथ लेने से बीजेपी के उत्तर भारतीय मतदाता नाराज हो सकते हैं। वहीं राज ठाकरे की साख खोती मनसे को बीजेपी के साथ जुड़ने पर कुछ लाभ जरूर मिल सकता है।