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काशी विश्वनाथ मंदिर में ‘स्पर्श दर्शन’ के लिए ड्रेस कोड पर अभी विचार नहीं करेंगे:’ मंदिर प्रशासन

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश और स्पर्श दर्शन के लिए ड्रेस कोड लागू करने के दावों को मंदिर प्रशासन ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष और कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि हम अभी विद्वानों और प्रबुद्धजनों के सुझाव पर विचार नहीं कर रहे हैं। इसके लिए संतों, स्थानीय लोगों की राय लेना भी जरूरी है। इससे पहले चर्चा थी कि मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए ड्रेस कोड लागू हो गया है। इसके तहत पुरूषों को धोती और महिलाओं को साड़ी पहननी होगी।
श्री अग्रवाल ने ड्रेस कोड लागू करने की बात का खंडन किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जो बात सामने आई थी वह काशी विद्वत परिषद का मौखिक सुझाव था जिस पर चर्चा हुई। अभी कोई भी विधिवत प्रस्ताव नहीं आया है।

स्थानीय जनता और संतों की ली जाएगी राय
मंदिर प्रशासन का मानना है कि ड्रेस कोड लागू करने पर संतों, स्थानीय लोगों की राय लेने के बाद प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए स्पर्श दर्शन का समय भी एक घंटे से बढ़ाकर सात घंटे करने का निर्णय लिया। 15 जनवरी यानी मकर संक्रांति से नई व्यवस्था लागू होगी। रविवार को प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी की अध्यक्षता में हुई मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।