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मुंबई: 10 फरवरी से फेरीवालों की योजना को लागू करने का निर्णय

मुंबई: मनपा आयुक्त प्रवीण परदेशी ने लाइसेंस डिपार्टमेंट को निर्देश दिया है कि जल्द ही 15,381 पात्र फेरीवालों को मुंबई में जगह आबंटित की जाए, जिससे वे व्यवस्थित तरीके से अपना व्यवसाय कर सकें। वहीं लाइसेंस डिपार्टमेंट ने मुंबई में 10 फरवरी से इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। फेरीवालों के व्यवस्थित हो जाने से फुटपाथ पर चलने वालों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। बीएमसी ने मुंबई के सभी 24 वार्डों की 1366 सड़कों पर फेरीवालों को जगह आवंटित करने की योजना बनाई है। फेरीवालों की लिस्ट फाइनल करने के लिए समिति की पिछली बैठक में जोन 2 में (वर्ली, परेल, माटुंगा) और जोन 6 (घाटकोपर, भांडुप, मुलुंड) की सूची तैयार की गई।
सूत्रों के मुताबिक, बीएमसी ने विधान भवन जैसे क्षेत्रों में फेरीवालों को जगह नहीं दी है।
गौरतलब है कि फेरीवालों के पुनर्वसन के मामले पिछले कई सालों से अटके हुए हैं। फेरीवालों द्वारा फुटपाथ पर कब्जा करने की अक्सर शिकायतें आती रहती हैं। बीएमसी द्वारा बार-बार कार्रवाई के बाद भी यह समस्या हल नहीं हो पाती है। लंबे समय से इनके पुनर्वसन की मांग हो रही थी। हालांकि, जगह को लेकर काफी विवाद हैं।
पिछले दिनों आयुक्त ने फेरीवालों को जगह देने के लिए लाइसेंस डिपार्टमेंट को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी। परदेशी ने कहा था कि जब फेरीवालों की पात्रता तय हो गई है फिर उन्हें जगह आबंटित करने में क्यों देरी की जा रही है। एक अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस देते समय महिला फेरीवालों को प्राथमिकता दी गई है। लाइसेंस विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वैध फेरीवालों को पहचान पत्र दिए जाएंगे। इसके लिए विशेष रूप से सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसे आधार कार्ड से भी जोड़ा जाएगा, जिससे किसी भी तरह के दोहराव की संभावना न हो। पात्र फेरीवालों की सूची को टाउन वेंडिंग कमिटी (टीवीसी) की मंजूरी मिल गई है। स्टेशन, चुनिंदा धर्मस्थलों के आसपास फेरीवालों को जगह आबंटित नहीं की जाएगी।

फेरीवालों का फिर से होगा सर्वे
शुरुआत में 15,000 फेरीवालों के सफल पुनर्वसन के बाद फेरीवालों का फिर से सर्वे किया जाएगा। इसमें बचे हुए फेरीवालों को मौका मिल सकेगा। बता दें कि वर्ष 2014 में बीएमसी ने कोर्ट के आदेश के बाद सड़कों को जाममुक्त करने और अवैध फेरीवालों को हटाने के लिए सबसे पहले हॉकर्स पॉलिसी को मंजूरी दी थी। उस समय सर्वेक्षण किया और 99,435 फेरीवालों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन दस्तावेज की जांच के बाद केवल 15,381 फेरीवाले पात्र पाए गए थे।