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बड़ी ख़बर: आठ पुलिसवालों का हत्यारा, विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया, 4 पुलिसकर्मी घायल, अस्पताल में भर्ती!

कानपुर: मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर पकड़ा गया यूपी का दुर्दांत अपराधी विकास दुबे शुक्रवार को कानपुर में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ हुए मुठभेड़ में ढेर हो गया! कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे की कानपुर में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ हो गई। विकास दुबे को दो गोलियां लगीं, एक सीने पर तो दूसरी कमर में लगी।

कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने की पुष्टि की है। एसएसपी दिनेश कुमार पी के मुताबिक, यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास दुबे को लेकर कानपुर आ रही थी। बर्रा के पास अचानक रास्‍ते में गाड़ी पलट गई। इस हादसे में चार सिपाही घायल हो गए। इसके बावजूद विकास दुबे पुलिस के चंगुल से बचकर भागने के फिराक में था। उसने मौका पाकर एसटीएफ के एक अधिकारी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इसी के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। एसटीएफ ने विकास से हथियार रखकर आत्मसमर्पण करने को कहा। इसके बावजूद वह नहीं माना तो पुलिस को मजबूरन जवाबी कार्रवाई में गोली चलानी पड़ी और दुर्दांत अपराधी विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया। कानपुर में सचेंडी क्षेत्र के कन्हैया लाल हॉस्पिटल के पास एनकाउंटर स्थल का मुआयना करने कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी और आईजी मोहित अग्रवाल हैलट अस्पताल भी पहुंचे।

एसएसपी ने बताया कि विकास दुबे को ला रहे वाहनों के काफिले के पीछे कुछ गाडिय़ां लगी हुई थी। वह लोग लगातार पुलिस की गाड़ी के काफिले का पीछा कर रहे थे। इसी कारण गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की गई। बारिश तेज थी इसलिए गाड़ी पलट गई। इसी में मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे भागने की कोशिश में था। एसटीएफ जवान इस गाड़ी को पीछे से फॉलो कर रहे थे। उन्होंने कॉम्बिंग की। फायरिंग हुई और सेल्फ डिफेंस में विकास दुबे पर गोली चलाई गई। जिससे वह मारा गया। एसएसपी ने बताया कि एनकाउंटर कोई चीज नहीं होती। हम न्यायिक प्रक्रिया को फॉलो करते हैं। विकास के जो भी गुर्गे हैं सबको गिरफ्तार किया जाएगा।

बता दें कि आज जब यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स टीम कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी को मध्य प्रदेश से लेकर चली, तभी से मीडिया की गाडिय़ां उसका पीछा कर रहीं थी। इस दौरान कानपुर तक भी मीडिया की गाडिय़ां पीछे थी, लेकिन एक जगह पर करीब एक किलोमीटर पहले तक मीडिया की गाडिय़ों को रोक दिया गया और बताया गया कि गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है। उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया। लेकिन विकास दुबे को ले जा रही और कुछ दूसरी गाड़ियां आगे बढ़ गईं। इसके तुरंत बाद सुबह करीब साढ़े छह बजे बारिश के बीच एसटीएफ के काफिले में शामिल गाड़ी के अचानक पलटने की खबर आई। इधर जैसे ही मीडिया की गाड़ियों को रोका गया तो कुछ ही मिनट बाद गोलियां चलने की आवाज़ें आने लगीं। जैसे ही गोलियों की आवाज़ें आना शुरु हुईं तो उसके बाद मीड़़िया की गाड़ियों को जाने दिया गया।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कानपुर में आज विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया है। यहां के थाना चौबेपुर पर दिनांक 03.07.2020 को पंजीकृत मुअस 192/20 धारा 147/148/149/ 302/307/394/120बी भादवि व सात सीएलए एक्ट जो आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने से सम्बन्धित है, में वांछित पांच लाख रूपये का इनामियां अभियुक्त विकास दुबे पुत्र राम कुमार दुबे निवासी बिकरू थाना चौबेपुर कानपुर नगर को उज्जैन, मध्य प्रदेश पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद पुलिस व एसटीएफ टीम आज कानपुर नगर ला रही थीं। कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस का उक्त वाहन दुर्घटना ग्रस्त होकर पलट गया, जिससे उसमें बैठे अभियुक्त व पुलिस जन घायल हो गये।

कानपुर के बिकरु गांव में 2-3 जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर देशभर में सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में मिला था। छह दिन की तलाश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, जिस कुख्यात अपराधी को लेकर कई राज्यों की पुलिस अलर्ट थी, उसकी गिरफ्तारी उतनी ही नाटकीय ढंग से हुई।

गौरतलब है कि कानपुर के बिकरु गांव में 2-3 जुलाई की रात कई थाने की पुलिस वांटेंड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश डालने पहुंची थी। टीम की कमान बिठूर के डीएसपी देवेंद्र मिश्रा संभाल रहे थे। उनके साथ तीन थानों की फोर्स मौजूद थी। इससे पहले कि पुलिस विकास को दबोचती, उसके गैंग ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। काफी देर तक चली मुठभेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा, एसओ शिवराजपुर महेंद्र सिंह यादव, चौकी प्रभारी मंधना अनूप कुमार सिंह समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। सभी की गोलियों से छलनी कर और निर्ममता से पीट-पीटकर तथा धारदार हथियारों से हमला कर हत्या की गई थी। मुठभेड़ के बाद विकास दुबे और उसका पूरा गैंग गांव से फरार हो गया।