उत्तर प्रदेशदिल्लीमुंबई शहरशहर और राज्यसामाजिक खबरें

हर्षोल्लास के साथ आज मनाया जा रहा है मकर संक्रांति का त्योहार…

मकर संक्रांति को देश के विभिन्न प्रांतों में विभिन्न नामों से जाना जाता है. मकर संक्रांति हिन्दू धर्म का अति महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. उत्तर भारत में जहां इसे मकर संक्रांति कहा जाता है. वहीं असम में इस दिन बिहू और दक्षिण भारत में इस दिन पोंगल पर्व मनाया जाता है. संक्रांति के दिन विशेष तौर पर पतंगबाजी का आयोजन होता है. इस दिन बच्चे-बुजुर्ग पूरे उत्साह के साथ अपने घर की छतों पर पतंग उड़ाते हैं और पूरे हर्ष के साथ मकर संक्रांति पर्व का मनाते हैं.
मकर संक्रांति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है. मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. स्नान-दान शुभ मुहूर्त में करें तो फल और शुभदायी होता है. इस साल 14 जनवरी प्रातः 08 बजकर 03 मिनट 07 सेकंड पर सूर्य उत्तरायण होंगे यानी सूर्य अपनी चाल बदलकर धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे.

आइए जानते हैं- मकर संक्रांति पर क्या है पूजा व स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
एक ऐसा त्योहार है जिस दिन किए गए काम अनंत गुणा फल देते हैं. मकर संक्रांति को दान, पुण्य और देवताओं का दिन कहा जाता है. मकर संक्रांति को ‘खिचड़ी’ भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है. मकर संक्रांति से सर्दियां खत्म होने लगती हैं और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. इस साल मकर संक्रांति पर विशेष योग बन रहा है क्योंकि सूर्य के साथ पांच अन्य ग्रह (सूर्य, शनि, बृहस्पति, बुध और चंद्रमा) मकर राशि में विराजमान रहेंगे.
मकर संक्रांति गुरुवार को प्रात: 8 बजकर 14 मिनट बजे से आरंभ होगी. ज्योतिष के अनुसार, यह बहुत ही शुभ समय माना जाता है. समस्त शुभ कार्यों की शुरुआत इस संक्रांति के पश्चात ही होती है. पंडित अजय मिश्रा के मुताबिक, इसका पुण्य काल मुहूर्त सुबह 8.14 से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं, महापुण्य काल का मुहूर्त सुबह 8.14 से 10.15 तक का होगा. स्नान और दान-दक्षिणा जैसे कार्य इस अवधि में किए जा सकते हैं.

मकर संक्रांति पर क्या करें?
इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमद्भागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
मकर संक्राति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है. मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. ज्योतिष विज्ञान ये मानता है कि मकर संक्रांति के दिन किया गया दान सौ गुना फल देता है. मकर संक्रांति के दिन घी-तिल-कंबल-खिचड़ी दान का खास महत्व है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन तिल, गुड़ और खिचड़ी के दान से किस्मत बदलती है. खुशी और समृद्धि के प्रतीक मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल में दान देना, स्नान करना या श्राद्ध कार्य करना शुभ माना जाता है. शास्त्रों में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान की विशेष महिमा बताई गई है.

पीएम मोदी ने दी देशवासियों को शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मकर संक्रांति, पोंगल और माघ बिहू के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कामना की कि ये पर्व हर किसी के जीवन में सुख एवं समृद्धि के साथ नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करें.
उन्होंने ट्वीट किया- ‘देशवासियों को मकर संक्रांति की बहुत-बहुत बधाई! मेरी कामना है कि उत्तरायण सूर्यदेव सभी के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करें.’
पोंगल की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह त्योहार तमिल संस्कृति की सर्वश्रेष्ठ झलक प्रस्तुत करता है. उन्होंने कहा कि यह त्योहार हमें प्रकृति के साथ तालमेल बैठाकर जीने की प्रेरणा देता रहे और हर किसी में करुणा एवं दया का भाव मजबूत करता रहे.

माघ बिहू पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों के सुख एवं समृद्धि की कामना की. तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है. असम में इसे माघ बिहू और गुजरात में इसे उत्तरायण कहते हैं. उन्होंने गुजरात के लोगों को उत्तरायण की शुभकामनाएं दीं.
पंजाब और हरियाणा में इस समय नई फसल का स्वागत किया जाता है और लोहड़ी पर्व मनाया जाता है. इस दिन पतंग उड़ाने का भी विशेष महत्व होता है और लोग बेहद आनंद और उल्लास के साथ पतंगबाजी करते हैं. यूपी और गुजरात में इस दिन पतंगबाजी के बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं.