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BJP नेता मुरलीधर राव के खिलाफ बड़ा पद दिलाने के नाम पर 2 करोड़ लेने का मुकदमा

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के फर्जी दस्तखत वाला लेटर दिखाकर दिया धोखा..

हैदराबाद , भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव और आठ अन्य के खिलाफ 2.17 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को हैदराबाद में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है। इन सभी लोगों पर आरोप है कि इन्होंने हैदराबाद के एक प्रॉपर्टी डीलर को केंद्र सरकार में नॉमिनेटेड पोस्ट दिलाने के नाम पर पैसे लिए। पीड़ित का कहना है कि उसे केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के फर्जी दस्तखत वाला लेटर दिखाकर धोखा दिया गया।
इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए मुरलीधर राव ने कहा है कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। प्रॉपर्टी डीलर महिलाल रेड्डी की पत्नी टी प्रणव रेड्डी की शिकायत के आधार पर सरूरनगर पुलिस ने मंगलवार को आईपीसी की धारा 406, 420, 468, 471, 506 और 120-बी और सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत मुरलीधर राव और आठ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

मुरलीधर राव के करीबी ने की गड़बड़ :
शिकायत के मुताबिक, नवंबर 2015 में ईश्वर रेड्डी नामक एक पत्रकार ने खुद को वरिष्ठ बीजेपी नेताओं का करीबी बताकर महिलाल रेड्डी से संपर्क किया और कहा कि वह मुरलीधर राव के खास कृष्ण किशोर को जानता है। ईश्वर रेड्डी ने कहा कि कृष्ण किशोर केंद्र सरकार से अंतर्गत किसी भी विभाग में नॉमिनेशन से मिलने वाले पद दिला सकता है। शिकायत में महिला रेड्डी की पत्नी ने कहा कि वह और उनके पति पैसे खर्च करके भी वह ऐसा पद पाने को आतुर थे।

शिकायत में आगे कहा गया है, ‘बाद में ईश्वर रेड्डी ने कृष्ण किशोर और स्थानीय बीजेपी नेता मंदा राम चंद्र रेड्डी के साथ फिर से हम लोगों से संपर्क किया और प्रस्ताव मानने का दबाव डाला। उन लोगों ने कहा कि वह कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के अंदर चलने वाले फार्मा एक्सिल में नॉमिनेशन से मिलने वाला पद दिला देंगे। बाद में इन तीनों ने और कई अन्य ने मिलकर मुरलीधर राव के संलिप्तता के साथ एक लेटर दिखाया, जिसपर निर्मला सीतारमण के दस्तखत थे। यह वादा किया गया कि मेरे पति को फार्मा एक्सिल का चेयरमैन बनाया जाएगा। इसकी एवज में इन लोगों ने हमसे 2.17 करोड़ रुपये ले लिए।
मुरलीधर राव बोले- आरोपियों को जानता हूं लेकिन मेरा कोई हाथ नहीं :
इस बारे में मुरलीधर राव ने कहा, शिकायतकर्ता ने तीन साल पहले मुझसे फोन पर संपर्क किया था और इसी बारे में बात की थी। मैंने उनसे कहा था कि वह इसकी शिकायत पुलिस के पास दर्ज कराएं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मैं इनमें से कई आरोपियों को जानता भी हूं लेकिन इस पूरे मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मामले में सरूरनगर के पुलिस इन्स्पेक्टर ई श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि कोर्ट के निर्देशों के बाद केस दर्ज किया गया है और जांच चल रही है।