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मन की बात में PM मोदी ने कहा- कश्मीर के लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ने को बेताब, नफरत फैलाने वालों की खैर नहीं…

नयी दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ने को बेताब हैं। उनमें प्रदेश और देश के विकास में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने का उत्साह देखते ही बनता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कही। यह उनके दूसरे कार्यकाल की दूसरी ‘मन की बात’ थी जिसमें पीएम ने जम्मू-कश्मीर में विकास कार्यक्रमों से लेकर जल संकट, चंद्रयान 2 मिशन की लॉन्चिंग और जल नीति समेत कई विषयों का जिक्र किया। पीएम ने बाढ़ के संकट में घिरे लोगों को भी आश्वास्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के साथ मिलकर पर्याप्त कदम उठा रही है।
विकास के लिए व्यग्र हैं कश्मीरी: पीएम
पीएम मोदी ने मन की बात में जम्मू-कश्मीर के शोपियां निवासी मोहम्मद असलम का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि असलम ने माइ गॉव ऐप पर कम्यूनिटी मोबिलाइजेशन प्रोग्राम ‘बैक टू विलेज’ के आयोजन की जानकारी दी। मोदी ने कहा, जब मैंने जून महीने में आयोजित ‘बैक टू विलेज’ प्रोग्राम की जानकारी ली तो पता चला कि कश्मीर के लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए बेताब हैं। पीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत पहली बार बड़े-बड़े अधिकारी गांवों में गए और ग्रामीणों जिन अधिकारियों को कभी देखा तक नहीं था, उनके सामने बैठकर अपनी समस्या खुलकर बताई। यह कार्यक्रम सरकारी खानापूर्ति नहीं थी, बल्कि राज्य के सभी करीब साढ़े चार हजार पंचायतों में आयोजित की गई थी। पीएम ने कहा, इस बार अधिकारियों ने दो दिन और एक रात गांव में ही बिताई। इस दौरान सरकारी अधिकारियों ने गांव वालों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी और यह भी जाना कि उन तक ये सरकारी योजनाएं पहुंचती भी हैं या नहीं।

सफल नहीं हो पाएंगे नफरत फैलाने वाले: पीएम
पीएम ने बताया कि ‘बैक टू विलेज’ प्रोग्राम को दिलचस्प बनाने के लिए कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह आयोजन जनभागीदारी का उत्सव बन गया। बैक टू विलेज का कार्यक्रम के तहत अधिकारी दूर-दराज के गांवों में भी गए जहां पहुंचने के लिए एक-डेढ़ दिन तक पैदल चलना पड़ा। शोपियां, पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग के गांवों में अधिकारियों का भव्य स्वागत हुआ। पीएम ने कहा, विकास की शक्ति, बम-बंदूक की शक्ति पर भारी पड़ती है। जो लोग नफरत फैलाना चाहते हैं, वे अपने मकसद में कभी सफल नहीं हो पाएंगे।

जल संरक्षण पर पहले से हो रहा है काम: पीएम
मेरे कहने से पहले भी जल संरक्षण आपके मन को छूने वाला विषय था। देश में जल संरक्षण के कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, रांची से कुछ दूर ओरमांझी प्रखंड के आराकेरम गांव में जल प्रबंधन का ऐसा प्रयास किया है जो मिसाल बन गया है। ग्रामीण श्रमदान करके प्राकृतिक तरीके से जल प्रबंधन कर रहे हैं। पीएम ने बताया कि मेघालय देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने अपनी जल नीति तैयार की है। साथ ही, हरियाणा में उन फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है जिनमें कम पानी की जरूरत होती है।

चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग से मिली दो सीख: पीएम
स्पेस मिशन के लिहाज से 2019 हमारे देश के लिए बहुत अच्छा साबित हो रहा है। मार्च में एसैट लॉन्च किया था और फिर जुलाई में चंद्रयान 2 मिशन की लॉन्चिंग हुई। एसैट मिसाइल से महज तीन मिनट में 300 किलोमीटर दूर सैटलाइट को गिरा दिया। प्रधानमंत्री ने 22 जुलाई को लॉन्च चंद्रयान मिशन 2 का जिक्र करते हुए कहा कि हमें इससे दो सीख मिलती है। उन्होंने कहा, चंद्रयान 2 मिशन कई मायने में विशेष है। चंद्रयान 2 से फेथ और फियरलेसनेस, विश्वास और निर्भीकता की सीख मिली। हमें अपने टैलेंट पर विश्वास करना चाहिए, अपनी प्रतिभा पर भरोसा करना चाहिए। चंद्रायन 2 पूरी तरह से देश का मिशन है।

मोदी ने आगे कहा, किसी भी व्यवधान से घबराना नहीं चाहिए। वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक करके चंद्रयान की तकनीकी खामी को इतनी जल्दी ठीक कर दिया। व्यवधान के बाद भी चंद्रायन के गंतव्य तक पहुंचने का समय बदला नहीं। इससे सीख मिलती है कि हमारे जीवन में व्यवधान आते हैं, लेकिन इससे पार पाने की क्षमता भी हमारे अंदर ही होती है।’ पीएम ने कहा कि अब सितंबर महीने का बेसब्री से इंतजार है जब लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर उतरेंगे।

साइंस क्विज का आयोजन
पीएम ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए एक क्विज कंपिटिशन की आयोजन किया जाएगा। अंतरिक्ष से जुड़ी जिज्ञासाएं, भारत का अंतरिक्ष अभियान और विज्ञान एवं तकनीक इस क्विज कंपिटिशन के मुख्य विषय होंगे, जैसे कि रॉकेट लॉन्च करने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है, सैटलाइट को अंतरिक्ष की कक्षा में कैसे स्थापित किया जाता है और सैटलाइट्स से हम क्या-क्या जानकारियां प्राप्त करते हैं, एसैट क्या होता आदि?

माइगॉव वेबसाइट पर 1 अगस्त को क्विज की जानकारी दी जाएगी। इस क्विज में स्कूलों को बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। पीएम ने तमाम शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों, अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को इस क्विज में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें और उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा जानकारी जुटाने में मदद करें। पीएम ने कहा, हर राज्य से सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले विद्यार्थियों को भारत सरकार अपने खर्च पर सितंबर में श्रीहरिकोटा ले जाएगी। उन्हें उस पल का साक्षी बनने का अवसर मिलेगा जब चंद्रयान चंद्रमा सतह पर लैंड कर रहा होगा।

स्वच्छता से सुंदरता की ओर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्वच्छता अभियान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान का पांच साल पहले शुरू हुआ सफर आज जन-जन का संकल्प बन चुका है। ऐसा नहीं है कि आदर्श स्थिति हासिल हो गई है, लेकिन बहुत काम हुए और बहुत कुछ होना है। अब हम स्वच्छता से लेकर सुंदरता की तरफ कदम बढ़ाएंगे। इसी क्रम में उन्होंने अमेरिका से लौटे इंजिनियर योगेश सैनी की भी तारीफ की। पीएम ने कहा कि हमें कचरे से कंचन बनाने की दिशा में आगे बढ़ना है।

अमरनाथ यात्रा पर पहुंचे रेकॉर्ड यात्री: पीएम
पीएम ने कहा कि इस बार अमरनाथ यात्रा में सबसे ज्यादा तीर्थ यात्री शामिल हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार सिर्फ 28 दिनों में ही यात्रियों की तादाद पिछले पूरे 60 दिनों की यात्रा के दौरान शामिल तीर्थयात्रियों की संख्या से ज्यादा रही है। पीएम ने यह भी बताया कि डेढ़ महीने के भीतर आठ लाख से ज्यादा तीर्थयात्री केदारनाथ की यात्रा कर चुके हैं। पीएम ने कहा कि सावन के पावन महीने में लोगों को जन्माष्टमी, नागपंचमी, रक्षा बंधन का इंतजार है।