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#MeToo : अकबर का विदेश राज्य मंत्री के पद से दिया इस्तीफा

बोले- मैं झूठे आरोपों का कोर्ट में करूंगा सामना..

केन्द्रीय राज्य मंत्री एम जे अकबर (MJ Akbar) ने इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि मी टू कैंपेन (#MeToo) के तहत एमजे अकबर पर लगे यौन शोषण के आरोप लगे थे। एमजे अकबर ने इस्तीफे के बाद जारी बयान में कहा है कि न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं जिसके चलते मैं अपने पद से इस्तीफ दे रहा हूं और निजी तौर पर केस लडूंगा। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का शुक्रगुजार हूं कि मुझे देश सेवा का मौका दिया। वहीं पीड़िता प्रिया रमानी ने कहा कि एमजे अकबर के इस्तीफे से हमारे आरोप सही साबित हुए और अब मैं उस दिन की प्रतीक्षा करता हूं जब मुझे अदालत में न्याय मिलेगा।

वहीं मंगलवार को एम जे अकबर द्वारा दायर मानहानि मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 18 अक्तूबर तय की है। पटियाला हाउस अदालत में इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन बाद में अदालत ने तय किया कि इस मामले को विस्तृत रुप से सुनने के लिए अगली तारीख दिया जाना उचित है। ज्ञात रहे कि केन्द्रीय मंत्री एम जे अकबर ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ  पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि याचिका दायर की है।

एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोपों से लेकर इस्तीफे तक की 10 खास बातें

विदेश राज्यमंत्री अकबर ने रमानी पर जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने पत्रकार के खिलाफ मानहानि से जुड़े दंडात्मक प्रावधान के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है। दुनिया भर में यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए ”मी टू अभियान ने हाल ही में भारत में जोर पकड़ा है और एक के बाद एक कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों के खिलाफ कथित यौन शोषण के मामले सामने आए हैं। इसी कड़ी में प्रिया रमानी ने केन्द्रीय मंत्री पर सोशल मीडिया पर आरोप लगाए थे।

आपको बता दें कि पत्रकार प्रिया रमानी ने यह कैंपेन एक साल पहले मैग्जीन में लेख के माध्यम से शुरू किया था। उन्होंने तब मेरा नाम नहीं लिया, क्योंकि वे जानती थीं कि उनकी कहानी गलत है। जब उनसे पूछा गया कि आपने नाम क्यों नहीं लिया तब उन्होंने ट्वीट में लिखा कि नाम कभी नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया। अकबर ने लिखा कि अगर मैने कुछ नहीं किया तो खबर क्या है? लेकिन अटकलें और अपमानजनक माहौल खड़ा किया जा रहा है। कुछ आरोप पूरी तरह से सुनी हुई बातों पर आधारित और निराधार हैं। सुतपा पॉल सहित अन्य लोगों ने कहा है कि मैने कुछ नहीं किया। शुमा राहा ने कहा है कि वे स्पष्ट करना चाहती हैं कि मैने कुछ नहीं किया। एक महिला अंजू भारती ने बेतुका आरोप लगाते हुए दावा किया कि मैं स्वीमिंग पूल में पार्टी कर रहा था, जबकि मैं तो तैरना भी नहीं जानता।

कुछ होता तो सभी को पता चलता : 
पत्रकार गजाला वहाब ने मेरी छवि खराब करने के लिए आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि मैने 21 साल पहले दफ्तर में उनका यौन शोषण किया। वह द एशियन एज का एकमात्र दफ्तर था, जिसमें संपादकीय टीम छोटे से हॉल में बैठती थी। मेरा एक छोटा सा क्यूबिकल था, जो प्लाईवुड और शीशे की दीवार से घिरा था। दो फीट दूर कुर्सियों पर अन्य लोग बैठते थे। ऐसे में विश्वास करना अजीब है कि इतनी छोटी जगह पर कुछ हो और किसी को पता भी न चले। यह आरोप गलत और आधारहीन है।

फिर वे मेरे साथ काम क्यों करती रहीं :
वहाब ने लिखा कि उन्होंने अपनी शिकायत फीचर लिखने वालीं वीनू संदल से की थी, जबकि संदल ने वहाब की बातों को बेतुका बताया है। संदल ने ही कहा कि पिछले 20 वर्षों में किसी ने भी मुझ पर ऐसे आरोप नहीं लगाए हैं। अकबर ने लिखा, रमानी और वहाब मेरे साथ काम करती रहीं, इससे स्पष्ट होता है कि उन्हें मुझसे कोई डर और असुविधा नहीं थी। इतने सालों तक इनके खामोश रहने की वजह साफ है कि मैंने कुछ नहीं किया।