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…अब महाराष्ट्र के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना की जांच और इलाज होगा फ्री

मुंबई: महाराष्‍ट्र में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के मद्देनज़र महाराष्‍ट्र सरकार के चिकित्सा शिक्षा और औषधि विभाग के अधिकार में आने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेजों, डेंटल कॉलेजों और इनसे जुड़े अस्पतालों में कोरोना से संबंधित सभी जांच और इसका इलाज अब मुफ्त में किया जाएगा। यह घोषणा राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने लातूर में की। उन्होंने कहा कि यह फैसला कोरोना के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री देशमुख ने कहा कि कोरोना के मरीजों को आसानी से इलाज उपलब्ध हो सके और इलाज के लिए ज्यादा से ज्यादा संक्रमित मरीज खुद सामने आएं, इसके लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, कोरोना से ग्रस्त कई मरीज सिर्फ इसलिए सामने नहीं आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा है कि इसके इलाज पर बहुत पैसा खर्च करना पड़ सकता है। इसीलिए वे अपनी बीमारी छुपा रहे हैं। अब सरकार के इस फैसले से मरीजों की यह दुविधा खत्म हो जाएगी और ज्यादा से ज्यादा मरीज खुद सामने आएंगे। इससे अधिक से अधिक संख्या में लोगों की जांच हो सकेगी और कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को प्रतिबंधित किया जा सकेगा।

महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरपी को केंद्र की मंजूरी
वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि कोरोना उपचार के लिए महाराष्ट्र में पूल टेस्टिंग और प्लाज्मा थेरपी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। टोपे ने बताया कि कोरोना प्रतिबंध की समीक्षा के लिए शुक्रवार को दोपहर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देश भर के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मींटिंग की। इस मीटिंग में राज्य सरकार की तरफ से पूल टेस्टिंग और प्लाज्मा थेरपी को मंजूरी देने की मांग की गई। महाराष्ट्र सरकसर की तरफ से पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर और एक्सरे जांच का प्रेजेंटेशन भी दिया गया, जिसमें बताया गया कि यह कोरोना के त्वरित उपचार और परिणाम स्वरूप मृत्यु दर कम करने में किस तरह उपयोगी है। इसके साथ ही, पीपीई कीट को सैनिटाइज कर उसके दोबारा इस्तेमाल पर भी चर्चा हुई। इस पर सभी ने सहमति जताई।