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मुंबई: पहले हेल्थ वर्कर्स का होगा ऐंटिबॉडी टेस्ट: BMC

मुंबई: कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
वहीं बीएमसी ने साफ किया है कि महानगर में जब ऐंटिबॉडी टेस्ट किया जाएगा, तो शुरुआती दौर में हेल्थ वर्कर्स को इस जांच में शामिल किया जाएगा। इससे फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हेल्थ वर्कर्स को न केवल बीमारी से लड़ने में और मजबूती मिलेगी, बल्कि बीमारी के प्रसार को रोकने में भी मदद मिलेगी।
मुंबई के हॉटस्पॉट इलाकों में रैपिड ऐंटिबॉडी टेस्ट शुरू करने के लिए जल्द ही स्टेट गवर्नमेंट किट बीएमसी को मिल सकती है, जिसका शुरुआती इस्तेमाल बीएमसी अपने हेल्थ वर्कर्स पर पहले करेगी।
बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि किट मिलने के बाद शुरुआती चरण में हेल्थ वर्कर्स की जांच की जाएगी। फिलहाल, महानगर में करीब 10 हजार हेल्थ वर्कर्स हैं, जिनमें डॉक्टर्स से लेकर नर्स वॉर्ड बॉय तक सभी शामिल हैं। इसके साथ ही अर्बन हेल्थ के लिए काम करने वाले लोग भी इसमें हैं। काकानी ने कहा कि हम किट आने का इंतजार कर रहे हैं, मिलते ही तुरंत जांच शुरू कर दी जाएगी।
बता दें कि राजस्थान में रैपिड ऐंटिबॉडी टेस्ट किट के गलत परिणाम सामने आने के बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने इसकी जांच पर एक दिन के लिए रोक लगा दी थी। हालांकि, अब फिर से राज्यों को नई गाइडलाइंस के साथ जांच करने की अनुमति मिल गई है।
विशेषज्ञों ने कहा कि हेल्थ वर्कर्स की जांच होने से न केवल उन्हें समय रहते आइसोलेट किया जा सकेगा, बल्कि इससे हेल्थ वर्कर्स के जरिए मरीजों में फैलने वाले संक्रमण के मामलों में भी कमी आएगी। मुंबई में फिलहाल करीब 300 हेल्थ वर्कर्स में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। इसमें बड़ी संख्या में डॉक्टर भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि रैपिड ऐंटिबॉडी टेस्ट के जरिए केवल खून की जांच से इंसान में कोरोना वायरस है या नहीं, इसके बारे में जानकारी पाने में मदद मिल सकती है। अगर किसी भी इंसान के शरीर में वायरस होगा, तो उसके बॉडी में ऐंटिबॉडी तैयार होगा। जांच में जिनमे ऐंटिबॉडी पाया जाएगा, उनमें कोरोना है या नहीं ये जानने के लिए इंसान के स्वैब सैंपल लेकर उसकी जांच की जाएगी।