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अभी तो केवल एक-दो गाली दी गई है सौ हो जाने दो हिसाब कर दिया जाएगा..

मुंबई: साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संस्था ‘साहित्य कला मंच’ द्वारा आयोजित 44वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मुंबई के आजाद मैदान में इस बार रात 12 बजे तक चला। इसी मंच पर पिछले 10 दिनों से रामलीला का आयोजन हो रहा है।

मंच के चेयरमैन उदेश अग्रवाल ने बताया कि रामलीला में रामभक्तों की भारी भीड़ जुट रही है। अध्यक्ष एड्. सुशील व्यास एवं कार्याध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने आगंतुक मेहमानों का शाल और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। कवि सम्मेलन के संयोजक विश्वनाथ भरतिया ने कवियों का अभिनंदन किया। सम्मान समारोह का संचालन महामंत्री विनय मिश्र ने किया। कोषाध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि ‘साहित्य समाज का दर्पण है’ इसलिए संस्था वर्षों से आध्यात्म के साथ कवि सम्मेलन का आयोजन करती है।

कवि सम्मेलन की शुरूआत दिल्ली से पधारीं ममता शर्मा की सरस्वती वंदना से हुई, इसके बाद महेश दूबे ने अपनी हास्य कविताओं से श्रोताओं को लोटपोट कर दिया, इटावा से पधारे राम भदावर ने सनातन पर ओछी टिप्पणियां करने वालों की खूब खबर ली और वाहवाही बटोरी।

जयपुर से आए अशोक चारण ने सनातन को गालियां देने वालों को चेतावनी देते हुए कहा-
सौ सवालों का एक ही जबाब होगा,
उसको भी लाजबाव कर दिया जाएगा,
रोज नारे बाजियों के पक्षधर नहीं हम,
वक्त पर इन्कलाब कर दिया जाएगा,
जो भी वक्त को खराब करने में लगे,
वक्त उनका खराब कर दिया जाएगा,
अभी तो केवल एक-दो ही गाली दी गई है,
सौ हो जाने दो हिसाब कर दिया जाएगा।

साहित्य कला मंच द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाने वाला प्रतिष्ठित ‘निराला पुरस्कार’ इस बार अंतर्राष्ट्रीय कवि एवं लाफ्टर फेम आगरा के प्रताप फौजदार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा, संस्था के चेयरमैन उदेश अग्रवाल, अध्यक्ष एड्. सुशील व्यास, कार्याध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, पवन कुमार शर्मा, कान बिहारी अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल के कर कमलों से प्रदान किया गया। प्रताप फौजदार ने अंत में अपनी हास्य फुलझड़ियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हास्य कवि एवं मंच संचालक सुरेश मिश्र की पैरोडियां एवं हास्य कविताएं सुनकर लोग लोटपोट हो गए। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री राज के. पुरोहित, त्रिंबक तिवारी, डाक्टर राजेन्द्र अग्रवाल, ब्रजमोहन बिरजू भाई, राम जाजोदिया सहित हजारों साहित्य रसिक उपस्थित थे।