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अमृता फडणवीस रिश्वत मामले में सटोरिए अनिल जयसिंघानी की याचिका खारिज

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को ब्लैकमेल करने और रिश्वत देने के कथित प्रयास के मामले में संदिग्ध सटोरिये अनिल जयसिंघानी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उसकी याचिका सोमवार को खारिज कर दी. जयसिंघानी ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी. जस्टिस ए एस गडकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिका में कोई आधार नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है.

दरअसल, दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल पुलिस ठाणे ने कथित तौर पर कुछ ऑडियो और वीडियो क्लिप सार्वजनिक करने की धमकी देने के मामले में अनिल जयसिंघानी और उसकी बेटी अनिक्षा जयसिंघानी के खिलाफ 20 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी. क्लिप में कथित रूप से अमृता फडणवीस के अनिक्षा से फायदा उठाने की कोशिश करने की बात प्रदर्शित होने का दावा किया गया. इसके बाद अनिल जयसिंघानी और अनिक्षा जयसिंघानी पर आईपीसी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.

कोर्ट में पेश करने में हुई देरी
बता दें कि अनिक्षा को इस मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और एक सत्र अदालत ने 27 मार्च को उसे जमानत दे दी थी. अनिल जयसिंघानी को बाद में मुंबई पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया और वह न्यायिक हिरासत में है. अनिल जयसिंघानी ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका में दावा किया था कि उसे मामले में 19 मार्च को अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कानूनी अनिवार्यता के अनुसार 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश नहीं किया गया.

कोर्ट ने कहा- नहीं हुई कोई देरी
वहीं अनिल जयसिंघानी के वकील मृगेंद्र सिंह ने दलील दी थी कि उसे गिरफ्तारी के 36 घंटे बाद मुंबई की कोर्ट में पेश किया गया था. मृगेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि मामले में हर चीज पर शिकायतकर्ता के पति नजर रख रहे हैं जो महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री हैं. राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस ने पूरी प्रक्रिया का पालन उचित तरीके से किया और जयसिंघानी को रिमांड के लिए कोर्ट में पेश करने में कोई देरी नहीं हुई.