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ईडी की बड़ी कार्रवाई: नवाब मलिक की मुंबई और उस्मानाबाद की कई संपत्तियां जब्त!

अर्जी पर SC में होगी सुनवाई, ईडी की हिरासत से रिहाई मांगी

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक विकास मंत्री व एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की आठ प्रॉपर्टीज को जब्त कर लिया। सूत्रों के अनुसार, ईडी की यह सबसे बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसमें प्रॉपर्टी की कीमत अरबों में आंकी जा रही है।
उधर, नवाब मलिक (62) आज ही गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। मलिक के वकील कपिल सिब्बल ने पीएमएलए कानून का हवाला देते हुए पूरे मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि PMLA कानून 2005 में लागू हुआ। जिन लेन-देन के लिए ईडी इस कानून के तहत कार्रवाई कर रही है, वह 2000 या उससे पहले के हैं। चीफ जस्टिस ने मामले पर जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया। हालांकि, इस सुनवाई से पहले हुई यह कार्रवाई इसी केस से जोड़कर देखी जा रही है।
गौरतलब है कि मलिक को 23 फरवरी को दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल, ईडी ने नवाब मलिक और उनके परिवार के लोगों की संपत्ति को प्रोविजनल तौर पर अटैच किया है। इन संपत्तियों में परिवार की ओर से संचालित फर्म ‘सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘मलिक इन्फ्रास्ट्रक्चर’ की प्रॉपर्टीज शामिल हैं।​​​​​​​

बॉम्बे हाईकोर्ट ने की थी याचिका ख़ारिज
बता दें कि इससे पहले नवाब मलिक ने इसी तरह की याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में लगाई थी। वहां उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ्तारी और उन्हें रिमांड पर भेजा जाना दोनों ही गैरकानूनी है। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ईडी ने कानून के मुताबिक ही मलिक को गिरफ्तार किया है। उसी के अनुसार ईडी को उनकी रिमांड दी गई और फिर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। मलिक ने हाईकोर्ट के इस फैसले को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

मलिक की इन प्रॉपर्टीज को किया गया है जब्त
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवाब मलिक की मुंबई और उस्मानाबाद की 8 प्रॉपर्टीज को जब्त किया है। इनमें कुर्ला के गोवा कंपाउंड में बना घर, कुर्ला पश्चिम में कमर्शियल बिल्डिंग, उस्मानाबाद में 148 एकड़ जमीन, कुर्ला पश्चिम में 3 फ्लैट और बांद्रा पश्चिम में 2 घर शामिल हैं। ईडी की इस कार्रवाई के बाद राज्य की सियासत एक बार फिर गरमाने वाली है।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी का आरोप है कि गिरफ्तारी सिर्फ दबाव बनाने के लिए की गई है।

दाउद के खिलाफ ईडी कर रहा है जांच
ईडी ने आईपीसी की धारा 120 बी और यूएपीए की धारा 17, 18, 20, 21, 38 और 40 के तहत दर्ज FIR के आधार पर दाऊद इब्राहिम और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। FIR में दाऊद इब्राहिम कासकर, दाऊद भाई, हाजी अनीस, अनीस इब्राहिम शेख, शकील शेख, छोटा शकील, जावेद पटेल, जावेद चिकना, इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक मेमन और टाइगर मेमन के नाम थे।
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि दाऊद इब्राहिम के भारत छोड़ने के बाद, उसने अपने करीबी सहयोगियों जैसे हसीना पारकर उर्फ ​​हसीना आपा और अन्य के माध्यम से भारत में अपनी आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करना शुरू कर दिया।