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मनसे का अल्टीमेटम: 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाओ; नहीं तो जगह-जगह बजेगा ‘हनुमान चालीसा’

ठाणे: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और उनके तीन साथियों के खिलाफ ठाणे में एफआईआर दर्ज हुई है। यहां मंगलवार शाम एक उत्तर रैली में उन्होंने तलवार लहराकर ईद तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने का अल्टीमेटम दिया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि लाउडस्पीकर नहीं उतारे तो उनके कार्यकर्ता मस्जिद के सामने लाउडस्पीकर लगाकर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करेंगे। इसका वीडियो सामने आने के बाद बुधवार को ठाणे के नौपाडा पुलिस स्टेशन में राज ठाकरे पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा था- ‘अभी तो मैंने सिर्फ हनुमान चालीसा की बात की है। मुझे अपने बाण को और खींचने के लिए मजबूर ना करें। आपकी प्रार्थना आप अपने घर पर कीजिए। दूसरों को परेशान मत कीजिए। पांच-दस-पंद्रह दिनों की बात समझ में आती है। लेकिन, 365 दिन यह नहीं चलेगा।’
इससे पहले 2 अप्रैल दादर के शिवाजी पार्क में हुई गुड़ी पाड़वा रैली में भी राज ठाकरे ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतारे गए तो मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने ‘हनुमान चालीसा’ बजाएंगे। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों से मनसे कार्यकर्ताओं को ऐसा करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

सुप्रीम कोर्ट का दिया हवाला
राज ठाकरे ने कहा कि 18 जुलाई 2005 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दूसरों को परेशानी हो ऐसे धार्मिक कामों की इजाजत नहीं दी जाए। अगर सुप्रीम कोर्ट यह कह रहा है तो राज्य सरकार को क्या परेशानी है? राज ने कहा, 3 तारीख को ईद है। 3 तारीख का अल्टीमेटम दे रहा हूं। मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाओ। नहीं तो जगह-जगह हनुमान चालीसा बजेगी। इससे मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।

राज ठाकरे ने ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने की बात की
मनसे नेता राज ठाकरे ने मंच से ‘समान नागरिक संहिता’ की वकालत की और जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस देश में समान नागरिक संहिता लागू करनी चाहिए। जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक कानून लाया जाना चाहिए।

बीजेपी का लाउडस्पीकर हैं राज ठाकरे
राज ठाकरे ने ‘शिवसेना’ के हिंदुत्व पर भी सवालियां निशान लगाया था। इस पर पलटवार करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ‘हिन्दुत्व’ शिवसेना के खून में है, हमें कोई हिन्दुत्व न सिखाए। जब-जब हिंदुत्व पर हमला हुआ है तो उस वक्त बीजेपी सामने नहीं थी। हम थे, बालासाहेब ठाकरे थे, उद्धव ठाकरे थे।
राउत ने मनसे चीफ राज ठाकरे को बीजेपी का लाउडस्पीकर करार दिया। उन्होंने कहा कि ये जो लाउडस्पीकर बज रहा है आजकल (राज ठाकरे) ये भाजपा का ही भोंपू है, ये सबको पता है। ईडी की कार्यवाही से अभय मिले इसलिए ये आजकल बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं। बीजेपी जब खुद सामना नहीं कर पाई तो राज ठाकरे के रूप में लाउडस्पीकर को आगे कर दिया है। संजय राउत ने आगे कहा कि ईडी की कार्रवाई से छूट मिलने के बाद राज ठाकरे का भोंगा शुरू हो गया।

21 दिनों के भीतर राज्य की सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकरों को हटाने के लिए एमवीए को एमएनएस की धमकी का जिक्र करते हुए, संजय राउत ने कहा, केवल (दिवंगत) बालासाहेब ठाकरे के पास इस तरह के अल्टीमेटम देने का अधिकार था।
उन्होंने राज ठाकरे को चुनौती दी कि वो मुंबई से ‘गायब’ भाजपा नेता किरीट सोमैया को दादर में अपने नए घर ‘शिवतीर्थ’ में आमंत्रित करें और उनका अभिनंदन करें।
गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर हिंदुत्व को लेकर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि अगर भगवान राम ना होते तो बीजेपी के पास कोई मुद्दा ही नहीं बचता। सीएम ठाकरे ने यह भी कहा था कि बीजेपी ने हिंदुत्व को पेटेंट नहीं करवा रखा है कि हिंदुत्व पर उन्हीं का हक होगा।

किरीट को गाली देने को सही ठहराया
उन्होंने किरीट सौमैया पर दिए अपने बयान को बिल्कुल जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि किरीट सोमैया जैसे व्यक्ति के बारे में गाली गलौच की भाषा बोलकर मैंने कुछ गलत नही किया। यही किरीट सोमैया कोर्ट गए थे कि महाराष्ट्र की दुकानों पर मराठी भाषा का बोर्ड न हो। उन्होंने कहा कि ये किरीट सोमैया मराठी भाषा का हितैषी नहीं है। इसी किरीट सोमैया ने मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की राजनीति रची।

कीड़े, बिच्छू और सांपों से नेताओं की तुलना
महाराष्ट्र में राजनेता अक्सर अपने प्रतिद्वंदियों को नीचा दिखाने के लिए उनकी जानवरों से तुलना करते रहते हैं। राजनीतिक दलों और नेताओं को सार्वजनिक रैलियों में दर्शकों को लुभाने और विरोधी नेताओं को नीचा दिखाने के लिए इस तरह की तुलना काफी समय से चली आ रही है।
कीड़े, बिच्छू और सांपों से तुलना करने के बाद अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक मंत्री की तुलना खूंखार कोबरा से कर दी।
राज ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में आवास मंत्री डॉ जितेंद्र आव्हाड की तुलना कोबरा सांप से की। उनके (डॉ आव्हाड) चेहरे को देखो, एक कोबरा के खुले फन की तरह है…राज ठाकरे का ये जहरीला बयान सुनकर जनता जोर-जोर हंसने लगी।
वहीँ सत्तारूढ़ शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस तिलमिला उठी और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी हंस रही है।
ऐसी चीजों को गंभीरता से नहीं लेने वाले डॉ आव्हाड ने आक्रामक रूप से अपनी आंखें तरेरते हुए कहा कि उन्हें एक कोबरा का चेहरा होने पर ‘गर्व’ है। जब मैं फन खोलता हूं, तो मैं अपने विरोधियों पर वापस हमला करता हूं, आव्हाड ने भूखे, गुस्साए कोबरा की तरह हाथ से इशारा करते हुए भविष्य में एक नए राजनीतिक ‘तांडव’ का संकेत दिया।
उन्होंने कहा छोड़ो मेरे चेहरे को। मुझे इस पर गर्व है। लेकिन क्या कोई यह देख सकता है कि उसका (राज का) चेहरा ‘चिकन’ के किस हिस्से से मिलता-जुलता है?
‘कोबरा-चिकन’ की लड़ाई से गुस्साए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने घोषणा की कि वो उचित समय पर मुंहतोड़ जवाब देंगे।
आमतौर पर मृदुभाषी, अमेरिका से शिक्षा ग्रहण किए हुए राकांपा के राज्य अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल, जिन्हें राज ठाकरे ने ‘जंत’ (कीड़ा) कहा था। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि राज का ज्ञान बहुत कमजोर है और उन्हें खुद को सुधारने के लिए प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने की जरूरत है।
रैली में राज ठाकरे ने राकांपा सांसद सुप्रिया सुले की तुलना ‘हाथी’ से करते हुए उन पर निशाना साधा और कहा कि उनके खाने के दांत अलग और दिखाने के अलग हैं।
सुले ने यह टिप्पणी करते हुए इसे खारिज कर दिया कि राज ठाकरे इतिहास में जी रहे हैं, अपने चाचा (दिवंगत बालासाहेब ठाकरे) की महिमा पर पले बढ़े हैं, और उन्हें नज़रअंदाज करने की जरूरत है।
आव्हाड ने यह पूछकर उनका समर्थन किया, क्या राज को पता है कि जब एक दांत से छेद किया जाता है तो कितना दर्द होता है। उन्होंने कहा कि राज ने समाज में सांप्रदायिक कलह पैदा करने के लिए एक ‘कांट्रैक्ट’ लिया है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने इसे केवल ‘थर्ड अंपायर स्पीच’ करार दिया, जबकि पार्टी के अन्य नेताओं ने आश्चर्य जताया कि क्या राज अपने भाषणों में ईंधन की बढ़ती कीमतों, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी की समस्याओं को शामिल नहीं कर सकते।