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एटीएस का दावा- मनसुख की हत्या में शामिल था सचिन वाझे, होटल में सुशांत सदाशिव खामकर के नाम पर रुका था!

मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरने की संदिग्ध मौत को लेकर महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने दावा किया है कि पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे व्यवसायी मनसुख हिरेन हत्या मामले में संलिप्त थे। मंगलवार को उन्होंने कहा कि वह एनआईए से वाझे की हिरासत लेने के लिए अदालत का रुख करेंगे।
बता दें कि मनसुख हिरेन हत्या मामले में सचिन वाझे को एनआईए ने हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया था। वहीं इस बीच महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने इसी मामले में दमन से एक वॉल्वो कार सोमवार को जब्त की है। एटीएस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि महाराष्ट्र के पंजीकरण नंबर वाली एक वॉल्वो कार को ठाणे स्थित एटीएस कार्यालय में रखा गया है। एटीएस इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गाड़ी के असली मालिक और सचिन वाझे के संबंध किस प्रकार के हैं। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई के फरेंसिक अधिकारी कार की जांच कर रहे हैं। इससे पहले, इस हत्याकांड के संबंध में शनिवार रात दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के बाद एटीएस ने गुजरात से एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।

एनआईए को भी थी वॉल्वो कार की तलाश
NIA सूत्रों के मुताबिक, इस वॉल्वो गाड़ी का असली मालिक अभिषेक नाथानी उर्फ अभिषेक अग्रवाल है। इस कार की तलाश NIA को भी थी, लेकिन अब महाराष्ट्र एटीएस की टीम ने इसे दमन से जब्त किया है। इस व्यक्ति ने कथित तौर पर आरोपियों को सिमकार्ड उपलब्ध कराए थे। अधिकारियों ने बताया था कि उन्होंने इस व्यक्ति के पास से कई सिम कार्ड बरामद किए हैं। एटीएस ने मामले के संबंध में, निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और क्रिकेट मैच के सटोरिये नरेश गौड़ को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी को एक संदिग्ध वाहन पाया गया था। इस वाहन से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुई थी। यह वाहन ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन का था, जो कथित तौर पर चोरी हो गया था। इसके बाद, 5 मार्च को मनसुख का शव मुंब्रा की खाड़ी के पास मिला था।

NIA ने जब्त की हैं 5 महंगी कारें!
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अंबानी के आवास के पास से वाहन बरामदगी के मामले की जांच कर रहा है और उसने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे को गिरफ्तार किया था। एनआईए ने अपनी जांच के तहत अभी तक पांच महंगी कारें जब्त की हैं, जिनमें दो मर्सीडीज भी शामिल हैं। एटीएस ने कहा है कि वाझे मनसुख हिरन हत्या मामले में एक मुख्य आरोपी है। एनआईए को संदेह है कि जब्त की गई पांच कारों में से तीन का इस्तेमाल वाझे ने किया होगा, जो अपराध खुफिया इकाई में सहायक पुलिस निरीक्षक के तौर पर नियुक्त थे। उन्हें 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

संदिग्ध महिला की तलाश, वाझे ने दी थी नोट गिनने वाली मशीन!
सोमवार को एनआईए ने वाझे को उस होटल में ले जाकर रीक्रिएशन करवाया जहां वो तकरीबन 5 दिनों तक रुके हुए थे। एनआईए सचिन वाझे के साथ होटल में तकरीबन 3 घंटे तक जांच पड़ताल कर रही थी। इस दौरान कई अहम खुलासे सामने आए। उस दौरान के सीसीटीवी फुटेज को भी एनआईए ने अपने कब्जे में लेकर छानबीन शुरू की है। सीसीटीवी में एक संदिग्ध महिला भी सामने आई है। जो सचिन वाझे के साथ होटल में मौजूद थी। इस महिला को वाझे ने नोट गिनने वाली मशीन दी थी। एनआईए को शक है कि यह पूरी साजिश इसी होटल में बैठकर रची गई थी। फिलहाल एनआईए संदिग्ध महिला की भी तलाश कर रही है। फिलहाल, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि वाझे ने एक फर्जी आईडी का इस्तेमाल क्यों किया और उस होटल में क्यों रुका था?

होटल में सुशांत सदाशिव खामकर के नाम पर रुका था वाझे!
एंटीलिया केस का आरोपी सचिन वाझे को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो के लापता होने से एक दिन पहले सचिन वाझे मुंबई के एक पॉश होटल में नकली आधार कार्ड का इस्तेमाल करके रुका था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सचिन वाझे ने फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल दक्षिण मुंबई के होटल में ठहरने के लिए किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नकली आधार कार्ड में सचिन वाझे का नाम सुशांत सदाशिव खामकर लिखा था। जन्मतिथि 15 जून 1972 लिखी गई थी। जबकि उसका जन्मदिन 22 फरवरी,1972 है। हालांकि, फर्जी आधार पर उसकी असली तस्वीर थी। सचिन वाझे 16-20 फरवरी तक नरीमन पॉइंट के एक अपस्केल होटल में रुका था। सचिन वाझे के 16 फरवरी को होटल में चेक-इन करने के ठीक एक दिन बाद मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो कथित रूप से चोरी हो गई थी और 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिला था।

महाराष्ट्र सरकार के सूत्रों के अनुसार, गृहमंत्री अनिल देशमुख के ऊपर लगे आरोपो की जांच के लिए राज्य सरकार एक कमेटी बना सकती है। जिसको एक रिटायर जज लीड कर सकते है।